इन्दौर । रामनवमी के दिन इन्दौर के पटेल/स्नेह नगर में बेलेश्वर महादेव मंदिर परिसर की जिस बावड़ी का स्लैब टूट जाने से उसमें गिरकर 36 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, सोमवार को नगर निगम ने उसका अस्तित्व मिटा दिया। बावड़ी के पास उद्यान की जमीन पर अतिक्रमण कर अनाधिकृत रूप से मंदिर के लिए बनाए जा रहे भवन को भी निगम के अमले ने ध्वस्त कर दिया और उसी के मलबा बावड़ी में डालर उसे भर दिया गया।
सोमवार की सुबह करीब 6 बजे से शाम 4 बजे तक लगातार चले आपरेशन के दौरान नगर निगम के अमले ने उस कार्यवाही को अंजाम दिया, जो यदि पहले कर दी जाती, तो शायद यह हादसा ही नहीं होता। इस दौरान अतिक्रमणकारी और उनके हमदर्द नेता कहीं नज़र नहीं आए। अतिक्रमणकारियों ने इसी बावड़ी के कमजोर स्लैब पर कथित मंदिर बना लिया था और अब बगल में उद्यान की भूमि पर कब्जा कर बड़ा मंदिर बनाकर अतिक्रमण को विस्तार एवं स्थायीत्व दिया जा रहा था।
नगर निगम ने यह कार्यवाही पुलिस व प्रशासन की मौजूदगी में पॉंच बुल्डोजर और क्रेन की मदद से की। इस दौरान निगम के रिमुव्हल दस्ते के करीब 90 कर्मचारियों व अधिकारियों ने इस कार्यवाही को अंजाम दिया। इस दौरान आस-पास के कच्चे निर्माण व शेड़ को भी हटाया दिया गया। पहले बेलेश्वर महादेव मंदिर परिसर और अमृत गोल्ड गार्डन को घेर लिया था। निगम और प्रशासन के अधिकारियों ने मंदिर परिसर से विस्थापित की जाने वाली मूर्तियों की विधिवत पूजा करवाई। इसके बाद मूर्तियों के विस्थापन का काम शुरू हुआ। मूर्तियों को क्षेत्र के ही दूसरे मंदिरों में स्थापित करवाया गया। यह सारी प्रक्रिया दो आचार्यों के जरिए संपन्न कराई गई। इसके बाद नगर निगम की टीम ने परिसर में बने अवैध निर्माण को तोड़ने का काम शुरू किया। सुबह करीब 10 बजे तक अवैध निर्माण पूरी तरह से जमींदोज किया जा चुका था। निगम के अधीक्षण यंत्री अनूप गोयल के अनुसार पटेल नगर में 5000 हजार वर्गफीट अवैध निर्माण हटाया गया। मंदिर के नाम पर 50×60 यानी करीब तीन हजार वर्गफीट का अवैध निर्माण तान दिया गया था। इसी से लगकर शेड बनाने की तैयारी भी थी। इसके अलावा बेलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में अन्य कच्चा निर्माण भी था, जो बावड़ी हादसे की वजह से खतरनाक हो गया था। इसे भी ध्वस्त कर दिया गया।
नगर निगम की टीम ने शहर में तीन स्थानों – ढक्कन वाला कुआं, सुखलिया, किला रोड़ गाडरा खेड़ी में स्थित कुऐं-बावडी को अतिक्रमण से मुक्त किया गया। हल्के-फुल्के विवाद को छोड़कर किसी भी कार्रवाई में कोई विरोध नहीं हुआ।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव तथा नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल द्वारा शहर में विगत दिवस हुई दुखद घटना की पुनरावृत्ति रोकने हेतु शहर में नगर निगम रिकॉर्ड अनुसार 629 जल स्त्रोत की सूची का संबंधित क्षेत्र के भवन अधिकारी व भवन निरीक्षक के माध्यम से मौका मुआयना व सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं। सर्वे में ऐसे में जल स्त्रोत जिन पर अवैध निर्माण या अतिक्रमण किया गया है, उन्हें शहर हित व जन सुरक्षा में हटाने की कार्यवाही करने के भी निर्देश दिये गये हैं।
कुएं और बावड़ी को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए आज सुबह से जिला प्रशासन, नगर निगम तथा पुलिस के संयुक्त दल द्वारा कार्यवाही प्रारंभ की गयी। बताया गया कि ढक्कन वाला कुआं के ऊपर कवर कर लिया गया था, ढक्कन वाला कुआं जो कि रोड से लगा हुआ है तथा यहां से भारी मात्रा में आवागमन होता है, बस और अन्य वाहन गुजरते है इसलिए कंसल्टेंट से राय ली गई तथा भविष्य में कोई दुर्घटना नहीं हो इसको दृष्टिगत रखते हुए कुएं पर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई।
सुखलिया पानी की टंकी क्षेत्र में कुए पर स्लैब डालकर ऊपर अतिक्रमण किया गया था, जिसे हटाया गया तथा कुए की मुंडेर और जाली लगाने का कार्य किया जा रहा है। इसी प्रकार किला रोड गाडरा खेड़ी में फुटपाथ पर स्थित कुए पर स्लैब डालकर ऊपर लोहे की चद्दर (शीट) की गुमटी लगा ली गई थी। नगर निगम द्वारा गुमटी और स्लैब हटाकर आज ही मुंडेर बनाकर जाली लगाने का कार्य किया जा रहा है, उक्त स्थल के आसपास के रहवासियों द्वारा निगम की कार्यवाही में पूर्ण रूप से सहयोग करते हुए स्वयं के द्वारा ही अतिक्रमण हटा लिया गया।