जो दूसरे को पैसे दिखा कर काम करवा रहे हैं वह देश को बर्बादी की ओर ढकेल रहे हें- आचार्य विशुद्ध सागर
भोपाल | विश्व का कल्याण चाहते हो तो सामायिक और ध्यान करो। चित्त का एकाग्र होना ध्यान है। यह उद्गार आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने अहिंसा स्थली सुखी सेवनिया मैं व्यक्त करते हुए कहा- दुनिया में बहुत बड़ी तपस्या है, किसी के अच्छे कार्य को सहन कर पाना। वर्तमान में व्यक्ति खुद की संपत्ति से खुश नहीं हो पा रहा दूसरे को बढ़ते हुए देख कर दुखी हो जाता है। आचार्य ने कहा अपने वैभव को सुख से जीना कठिन साधना है। क्योंकि दूसरे का वैभव शांति से जीने नहीं देता। आचार्य श्री ने देश में बढ़ती भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा- जो अपना काम करवाने के लिए पैसे दे रहे, वे देश को बड़ा नुकसान कर रहे हैं। प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया सुखी सेवनिया में स्थित कैलाश पर्वत पर जिन प्रतिमाओं को विराजमान कर अभिषेक किया गया। प्रतिष्ठाचार्य कमल कमलांकुर, अरुण भैया, राजेश जैन के निर्देशन में विधि विधान से धार्मिक अनुष्ठान हुए। इस अवसर पर मुकेश जैन, डब्बू नरेंद्र जैन, सद्दाम अमिताभ मन्या, डॉ मनोज जैन, दिनेश जैन, विनोद जैन आदि ने श्रीफल समर्पित कर आशीर्वाद लिया। आज प्रातः आचार्य संघ का राजधानी में भव्य प्रवेश होगा। प्रातः 8:00 बजे नादरा बस स्टैंड चौराहे पर समाज की विभिन्न संस्थाएं अगवानी करेंगे। तत्पश्चात अगवानी शोभायात्रा चौक जैन मंदिर पहुंचेगी।