स्त्री का जीवन,
आसान कहाँ,
होता है ,
जीवन में,
कई बार ,
अंगारों से,
गुजरना ,
पङता है ।
अपने सपनों ,
की उङान में,
गिद्धो से,
बचना होता है,
न बच पाए तो
दूसरे के गुनाह को
ता उम्र ढोना होता है ……
सीमित दायरों में ,
ही खुश रहना होता है,
दहलीजों को
लांघने की ,
स्वीकृति दूसरों,
से लेना होता है ,
कई बार अदृश्य लक्ष्मण रेखा
का एहसास दिल को
तार तार करता है ।।
सृजन की,
प्रक्रिया में,
नौ महीने,
अपनी शरीर से,
शिशु को पोषित,
करना होता है,
नव जन्म की,
प्रक्रिया में,
मृत्यु तुल्य पीङा से,
गुजरना पङता है ।
बड़े होकर न बन पाए
सही इंसान अगर वो ही शिशु
तो किया क्या है हमारे लिए
सुनकर बाकी जिंदगी
अपने ही संस्कारों में कमी मान
आंसुओं से भी तर रहना होता है ।।
मिल जाऐ,
अगर अच्छा,
जीवनसाथी तो,
सुखमय जीवन,
जीने को मिलता है,
नहीं तो जीवन में,
कई अग्नि परीक्षाओं से,
गुजरना पङता है ।
अनेकों अग्नि परीक्षा के
बाद भी ये स्वर्ण उनकी नजरों में
कभी कुंदन नही होता है ।।
स्त्री का जीवन,
आसान कहाँ,
होता है ,
जीवन में,
कई बार ,
अंगारों से,
गुजरना ,
पङता है ।
नीना जैन लाइफ कोच दूरदर्शन एंकर