गर्भस्थ शिशु की सही ग्रोथ व आनुवांशिक बीमारियों पर गहन चिंतन

:: सोसायटी ऑफ फीटल मेडिसिन मप्र चेप्टर का हुआ शुभारंभ ::
इन्दौर । गर्भवती महिलाओं में भ्रूण विकृति और अनुवांशिक विकृति, वजन में कमी एक बडी समस्या है। इसी समस्या से जूडी सोनाग्राफी निदान, उपचार तथा दिशा निर्देश की थीम को लेकर सोसायटी ऑफ फीटल मेडिसिन का राज्य स्तरीय शिखर सम्मेलन रविवार को स्थानीय होटल श्रीमाया रेसीडेंसी में सम्पन्न हुआ।
सम्मेलन में गर्भावस्था की सोनोग्राफी, गर्भावस्था में ही बढ़ने वाले ब्लड प्रेशर व महिलाओं में इंफेक्शन को लेकर प्रमुख समस्याओं व मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ। सम्मेलन में सोसायटी ऑफ फीटल मेडिसिन एसएफएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. बीमल साहनी (औरंगाबाद), राष्ट्रीय सचिव व एम्स नई दिल्ली की शिशु रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अपर्णा शर्मा इन्दौर के डॉ. सुधीर गोखले ने कार्यक्रम का संबोधन किया। सम्मेलन में सोसायटी के मप्र अध्याय की कार्यकारिणी समिति का भी गठन किया गया। इसमें मप्र राज्य इकाई के अध्यक्ष पद पर डॉ. हरीश छाबडा (इन्दौर), उपाध्यक्ष डॉ प्रमोद बापना व सचिव डॉ. गुरूदीप छाबडा नियुक्त किये गये। मप्र चेप्टर के अध्यक्ष डॉ. हरीश छाबड़ा ने सम्मेलन में बताया कि गर्भ में पलने वाले शिशु की आनुवांशिक बिमारियों, अन्य विकारों को जानने व उनके सही इलाज के लिए पहले दौर में इन्दौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर जैसे बड़े शहरों में आयोजनों के जरिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। दूसरे चरण में छोटे शहरों में सजगता अभियान चलाया जाएगा। यह काम संस्था लगातार आयोजित करेगी जिससे गर्भस्थ शिशु को मां के गर्भ में होने वाली बिमारियों से बचाया जा सके। सम्मेलन में इन्दौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, उज्जैन सहित प्रदेश भर के 150 चिकित्सा विशेषज्ञों ने भाग लिया।