नई दिल्ली । भारत के पूर्व सेनाध्यक्ष मनोज नरवणे ने चीन का असली मैप साझा किया है। उन्होंने एक्स पर चीन का एक नक्शा शेयर करते हुए कटाक्ष किया है कि आखिरकार किसी को चीन का नक्शा मिल गया जैसा कि वह वास्तव में है। इस बहुरंगी मानचित्र में चीन ने तिब्बत समेत कई क्षेत्रों को अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों के रूप में सीमांकित कर अलग करके दिखाया है। उन्होंने लिखा कि यह चीन का असली मैप है। चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के लिए कुख्यात है। मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक नक्शे में ताइवान, हांगकांग, तिब्बत, यूनान जैसे अन्य चीन की सीमा से लगे हुए देशों को चीन के कब्जे के तौर पर दिखाया गया है। पूर्व सेना प्रमुख ने ऐसे समय पर यह नक्शा शेयर किया है, जब चीन के नए नक्शे को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। बता दें कि चीन ने 28 अगस्त को देश का नया मैप जारी किया और उसमें ताइवान, अक्साइ चिन और भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया। भारत ने इसका कड़ा विरोध किया है।
इस बीच देखा जाए तो नक्शे में हांगकांग, तिब्बत, दक्षिण मंगोलिया और यूनान, पूर्वी तुर्कमेनिस्तान और मनचुरिया देशों को चीन के कब्जे वाले देशों के तौर पर दिखाया गया है। वहीं, ताइवान को रिपब्लिक ऑफ चाइना ताइवान के तौर पर पेश किया गया। चीन हमेशा से इन सभी देशों पर अपना दावा करता रहा है। वहीं, भारत के अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और अक्साई चिन पर भी उसने दावा पेश किया है। मैप में चीन ने नाइन-डैश लाइन पर अपना दावा पेश कर दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से पर दावा किया है। हालांकि, इन हिस्सों पर वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रुनेई अपना-अपना दावा करते रहते हैं।
इस बीच, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों का कहना है कि चीन ने लद्दाख में हमारी जमीन हथियाई है और केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही।: उधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के नया नक्शा जारी करने के बाद कहा था कि सिर्फ बेतुके दावे करने से दूसरे लोगों के क्षेत्र आपके नहीं हो जाते। उन्होंने कहा था कि नक्शा जारी करना उन क्षेत्रों पर दावा करने की चीन की ‘पुरानी आदत’ है जो उसके नहीं हैं। उन्होंने बीजिंग के ‘बेतुके दावों’ को खारिज कर दिया और कहा, ‘मानचित्र जारी करने का कोई मतलब नहीं है।