केस व जाँच का हवाला देकर परीक्षाएं रोकने का आरोप
जबलपुर, । मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (एमयू) प्रबंधन ने केस एवं जाँच का हवाला देकर बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग एवं पोस्ट बेसिक नर्सिंग की परीक्षाएं रोक रखी हैं जबकि पीएचडी नर्सिंग की परीक्षाएं (वायवा) करा रही है। यह आरोप लगाते हुए नर्सिंग छात्र संगठन (एनएसओ) के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एमयू के परीक्षा नियंत्रक को सौंपा। एनएसओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल पाराशर ने बताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधिकारियों द्वारा अपनी मनमानी की जा रही है। जहाँ एक ओर २०१९-२० सत्र के समस्त बीएससी, एमएससी, पोस्ट बेसिक नर्सिंग स्टूडेंट्स की परीक्षाएं हाई कोर्ट में केस लगे होने का हवाला देकर रोक रखी है। कहा जा रहा है कि फर्जी कालेजों की जाँच चल रही है लेकिन इन्ही कालेजो के २०१९-२० सत्र के पीएचडी स्टूडेंट्स की परीक्षा (वायवा) एमयू द्वारा ली जा रही है। एक समान सत्र, एक समान कालेज है तो एमयू को बीएससी नर्सिंग पोस्ट बेसिक नर्सिंग एमएससी नर्सिंग की भी परीक्षाएं लेनी चाहिए। संगठन ने आरोप लगाया कि एमयू में अयोग्य अधिकारियो की नियुक्ति, सांठगांठ, मनमानी का नतीजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है। सत्र २०२१-२२ व २०२२-२३ पर कोई केस ना होने के बाबजूद भी यूनिवर्सिटी द्वारा इनके एनरोलमेंट तक नहीं करवाए गए हैं। एनएसओ ने इनके भी एनरोलमेंट करवाकर परीक्षा का समाधान किया जाए। साथ ही २०२०-२१ सत्र के स्टूडेंट्स को भी प्रथम वर्ष में जनरल प्रमोशन देकर आगामी परीक्षाएं करवाई जाए। संगठन द्वारा राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपकर इस मामले पर जल्द एवं उचित कार्यवाही की मांग की गई, इसके साथ ही अयोग्य अधिकारियों को एमयू से हटाने व अन्य दूसरी यूनिवर्सिटीज से योग्य व अनुभवी अधिकारियो की एमयू में नियुक्ति की मांग की गई। इसके साथ ही स्टूडेंट्स के भविष्य को बर्बाद करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों को जेल में डालने, स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप प्रदान करने और पैरामेडकल स्टूडेंट्स की परीक्षाएं कराने की मांग की गई। चुनावों की आचार संहिता लागू होने के कारण विगत ७ दिनो से मेडिकल यूनिवर्सिटी में दिये जा रहे धरने की चुनाव आयोग से अनुमति लेकर आगामी दिनो में भी धरना प्रदर्शन जारी रखा जाएगा। संगठन ने कहा कि स्टूडेंट्स की समस्याओं का समाधान करवाने तक धरना प्रदर्शन जारी रखा जाएगा।