राजवाड़ा की छठी मंजिल तक जा सकेंगे पर्यटक, कैप्सूल लिफ्ट लगाने पर विचार –

:: 6 माह में तैयार होगा अहिल्या म्यूजियम ::
इन्दौर । इन्दौर के हृदय स्थल राजवाड़ा को पर्यटकों के लिए नई सुविधाएं से जोड़ा जा रहा है। पहले राजवाड़ा की ऊपरी मंजिलों तक पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित था, लेकिन अब छठी मंजिल तक प्रवेश पर्यटकों के लिए खोले जाने की तैयारी है। वहां तक पहुंच कर पर्यटक शहर का व्यू देख सकेंगे और यहां देवी अहिल्या पर आधारित म्यूजियम को भी निहार सकेंगे। इसके लिए पुरात्तव विभाग ने योजना तैयार कर ली है।
छह माह के भीतर देवी अहिल्याबाई पर केन्द्रीत अहिल्या म्यूजियम तैयार हो जाएगा। इस पुरातात्विक धरोहर को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाए बगैर छठी मंजिल तक कैप्सूल लिफ्ट लगाने की संभावनाऍं विभाग द्वारा तलाशी जा रही है, ताकि वरिष्ठजन और दिव्यांग भी राजवाड़ा की सभी मंजिलों तक पहुंच सके।
उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम ने राजवाड़ा के जीर्णोद्धार पर करीब 30 करोड़ रू. खर्च किये है, इससे राजवाड़े की सुंदरता में चार चॉंद लग गए है। राजवाड़ा देखने प्रतिदिन हजारों पर्यटक आ रहे है, लेकिन अभी यहां देखने के लिए कुछ खास नहीं है। शाम को 7 से 9 बजे तक एक-एक घंटे के दो लाइट एंड साउंड शो का संचालन होता है। एक शो अंग्रेजी भाषा तथा दूसरा दूसरा शो हिन्दी भाषा में होता है।
पुरात्व व पर्यटन विकास निगम मिलकर राजवाड़ा के भीतर म्यूजियम बना रहा है। विभाग के उपसंचालक प्रकाश पराजंपे के अनुसार म्यूजियम में देवी अहिल्या की गादी, उनके द्वारा देश के अलग-अलग शहरों में कराए गए निर्माण व उनके जीवन से जुड़ी जानकारी डिजिटल और म्यूयल के जरिए पर्यटकों को दिखाई जा सकेगी। यह प्रदर्शनी भी राजवाड़ा की तीसरी या छठी मंजिल पर होगी।
होलकर राजवंश ने वर्ष 1818 में राजवाड़ा का निर्माण कराया था। तब इसके निर्माण पर चार लाख रुपये खर्च हुए थे। 1834 में राजवाड़ा में आग लग गई थी। तब उसकी उपरी मंजिल जल गई थी। बाद में फिर राजवाड़ा की मरम्मत की गई। 1984 के दंगों में राजवाड़ा का पिछला हिस्सा जला था, उसे आठ साल पहले संवारा गया था। वहां मल्हारी मार्तंड का मंदिर बनाया गया है।
उमेश/पीएम/27 जनवरी 2024