पीलीभीत, । भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद वरुण गांधी ने जनता से जुड़ा महत्वपूर्ण् मुद़दा उठाया है। उन्होंने कहा है कि ऐसा कानून बनाना चाहिए जिसमें कोई भी वीआईपी अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में पढ़ाने को मजबूर हो जाए। जबकि परिवार को जब भी इलाज की जरुरत हो तो सरकारी अस्पताल में ही कराना पड़े। इस तरह का सख्त कानूना बनेगा तो सरकारी स्कूल हो या अस्पताल खुद व खुद सुधर जाएंगे। वीआईपी को भी पता चलेगा कि किन मुश्किलों के साथ आम आदमी को इलाज और शिक्षा मिल पा रही है।
वरुण गांधी ने कहा कि गांव के भीतर जो लोग अस्पतालों में इलाज के लिए जाते है, उनसे कहा जाता है आप बेहतर इलाज के लिए लखनऊ, दिल्ली जाइए। मैंने कहा इसका इलाज बहुत जल्दी हो सकता है। शिक्षा और स्वास्थ्य का मामला है। उसको लेकर सांसद, विधायक, डीएम, एसपी और सभी वीआईपी के लिए सरकारी स्कूल में पढ़ाने व सभी के परिवार के इलाज सरकारी अस्पताल में कराए जाने का सरकार कानून बना दे तो सभी सिस्टम अपने आप सुधर जाएगा। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को अफसरों के सामने झुककर और डरते हुए शिकायत करना होती है। जबकि महात्मा गांधी और नेता सुभाषचंद्र बोस कहते थे कि देश आजाद होने के बाद आम जनता को किसी के आगे झुककर शिकायत नहीं करना पड़ेगी।वरुण गांधी ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद से लेकर जहां एक दौर क्रांति नेतृत्व का था, लेकिन धीरे-धीरे आज देश में एक ऐसा नेतृत्व आया है जो अब देश की चिंता के साथ नेता अपनी चिंता भी करने लगे है। जो आज कल राजनिति में आ रहे है, वो अपना हित कर रहे है।
आज देश को ऐसे नेता की जरूरत है जो ईमानदार हो।आज एक ऐसा भारत बनना चाहिए, जिसमें ऐसी भावना हो कि सबका हिस्सा हो और सबके सपनों की कीमत एक हो। वरुण गांधी ने कहा कि आजादी के समय महात्मा गांधी ने कहा था कि हिंदुस्तानियों को कभी भी किसी के सामने झुकना नहीं पड़ेगा। लेकिन यह आज सच साबित नहीं होता, क्योंकि आज इस आजाद देश में जब आप किसी पुलिस स्टेशन या अधिकारी के सामने जाते हैं तो अपने काम के लिए लोगों के आगे झुकना पड़ता है। जब हम अपनी बात झुक कर रखेंगे तो मैं यह पूछता हूं कि इस देश में नई व्यवस्था में नए राजा और अंग्रेज कहां से आ गए। मैं ऐसा देश देखना चाहता हूं कि आदमी अपनी बात बिना डर के रखे। इतने सारे लोग वरुण गांधी का कभी न कभी विरोध करते है, क्या कभी गांधी परिवार ने रंजिश के साथ से काम किया? क्या हमने दुश्मनी किसी के साथ निकाली? क्या हमने किसी पर केस लगवाया या किसी को हमने उठवाया? हमने कहा कि पीलीभीत मेरा परिवार है और हम उसके मुखिया है।