इन्दौर सोने की चेन, महंगे मोबाइल फोन जैसे कई बेशकीमती और नायाब तोहफों के साथ माहततो ने एसडीएम साहब का कार्यालयीन समय में कलेक्टर कार्यालय स्थित उनके चेम्बर में ही केक काट हैप्पी बर्थडे मनाते हुए एक अव्यावहारिक और असंवैधानिक परम्परा की शुरुआत कर दी। हालांकि इसके लिए माहततो से कई गुना ज्यादा एसडीएम साहब ही जवाबदार है क्योंकि उनकी सहमति बगैर माहततो की हिम्मत नहीं हो सकती की कार्यालयीन समय में कार्यालय में ही ऐसा आयोजन कर सके। माहततो द्वारा महंगे गिफ्टों की भेंट के साथ कलेक्टर कार्यालय में कार्यालयीन समय में मना एसडीएम साहब का जन्मदिन अब कलेक्टर कार्यालय के अन्य विभागों के साथ आसपास की चाय नाश्ते की गुमटियों पर भी टाप स्टोरी बना हुआ है।
एसडीएम राकेश परमार ने अपना जन्मदिन कलेक्टर कार्यालय स्थित अपने चेम्बर में अपने मातहतों जिनमे पटना सहित अन्य स्टाफ शामिल के साथ कार्यालयीन समय में ही केक काटकर मनाया, पटवारियों इस अवसर पर साहब को महंगे महंगें गिफ्टों के साथ ही हार फूलों से लाद दिया। जिनमें लाखों रुपए की कीमत के मोबाइल फोन और सोने की चेन शामिल हैं जिनकी चर्चा अब चहुं और है। प्रत्यक्षदर्शियों ने ईएमएस प्रतिनिधि को बताया कि जब अन्दर चेम्बर में एसडीएम साहब द्वारा अपनी टेबल पर अपने जन्म दिन का केक काटने के बाद उनके मातहत उन्हें जन्मदिन की बेशकीमती शुभकामनाएं दे रहे थे जिसे एसडीएम राकेश परमार सहर्ष केक खिलाते स्वीकार कर रहे थे इस दरम्यान बाहर अपने काम के लिए खड़ी जनता हलाकान परेशान हो रही थी। उन्हें यह कहकर इंतजार करने के लिए कहा जा रहा था कि साहब अभी जन्मदिन मना रहे हैं। और सभी स्टाफ उसमें व्यस्त हैं। मजबूर जनता क्या करती एसडीएम राकेश परमार जन्मदिन मनाने का आंखों देखा हाल सुनकर और फलाने पटवारी ने दो लाख का फोन दिया तो फलाने पटवारी ने सोने की चेन दी जानकारी प्राप्त करते मन ही मन कुड़ती टाइम पास करते कर्मचारियों अफसरों का अपनी सीट पर आने का इंतजार करती रही। उनमें से ही एक अन्य प्रशासनिक विभाग से डाक लगाने आएं कर्मचारी ने तो एक और खुलासा किया कि सभी अफसरों का पसंदीदा गिफ्ट सोने की चेन ही है, हमारे विभाग में भी अधिकतर साहब को ज्यादातर यही देते हैं पर घर या होटल में आफिस टाइम के बाद कार्यालय में नहीं। उसने कहा कार्यालय में ऐसा प्रोग्राम तो पहली बार देख रहा हूं।
कलेक्टर कार्यालय में एसडीएम राकेश परमार द्वारा इस तरह अपने चेम्बर में आफिस टाइम में अन्य स्टाफ के साथ मनाएं गए जन्मदिन पर कलेक्टर साहब का क्या रिएक्शन आता है यह कलेक्टर कार्यालय और अन्य विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों की कार्यप्रणाली हेतु मील का पत्थर साबित होगा। वैसे बता दें कि तकरीबन दो साल पहले कलेक्ट्रेट के ही एक विकलांग कर्मचारी ने अपना जन्मदिन मनाया था और वो आफिस नहीं बल्कि कलेक्ट्रेट परिसर में मनाया गया था जिस पर तत्कालीन कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उस पर कार्रवाई के साथ सभी को ऐसा कोई आयोजन परिसर में न करने की हिदायत भी दी थी। अब एसडीएम साहब ने तो अपने चेम्बर में ही वो सब कर लिया।