वर्ल्ड वेटलैंड डे आज : इन्दौर में रामसर साइट सिरपुर झील पर आयोजित होगा विश्व वेटलैण्ड्स दिवस समारोह –

:: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव होंगे मुख्य अतिथ‍ि; दो केन्द्रीय मंत्र‍ियों सहित प्रदेश के चार मंत्री होंगे शामिल ::
इन्दौर । इन्दौर की रामसर साइट सिरपुर झील में इस वर्ष का विश्व वेटलैंड्स दिवस का मुख्य कार्यक्रम होने जा रहा है। शुक्रवार 2 फरवरी को विश्व वेटलैंड्स दिवस समारोह का शुभारंभ म.प्र. के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में होगा। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्व‍िनी कुमार चौबे व रामसर कन्वेंशन के महासचिव डॉ. मुसोंडा मुंबा कार्यक्रम के विश‍िष्ट अतिथ‍ि होंगे।
इस कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री एन.एस. चौहान, राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी व पूर्व महापौर व विधायक मालिनी गौड़ सहित अन्य जनप्रतिनिधिगणों की भी गरिमामयी उपस्थिति रहेगी। सिरपुर में विश्व वेटलैंड्स दिवस के आयोजन के अवसर पर देश के सभी राज्य वेटलैण्ड प्राधिकरण के अधिकारी, वैज्ञानिक तथा देश की 80 रामसर साइट्स के प्रबंधक सहित 200 से अधिक विशेषज्ञ सम्मिलित हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष 02 फरवरी को विश्व वेटलैण्ड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन 1971 में ईरान के रामसर शहर में तालाबों को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। उक्त दिवस को उत्साह और तालाबों के प्रति जागृति लाने के उद्देश्य से ये दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व वेटलैण्ड्स दिवस की थीम वेटलैंड्स एंड ह्यूमन वेलबीइंग है। इसका मुख्य उद्देश्य इस बात को रेखांकित करना है कि तालाबों का संरक्षण और मनुष्यों का कल्याण दोनों का अंर्तसंबंध हैं एवं ये दोनों परस्पर एक दूसरे पर निर्भर हैं।
भारत में तालाबों को बचाने की एक बहुत ही समृद्ध परंपरा रही है और देश के सभी भागों में प्राकृतिक और मानव निर्मित जल संरचनाएं, तालाब, सरोवर, सागर स्थित हैं जो युगों से मनुष्यों एवं अन्य जीवितों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान कर रहें हैं। मध्य प्रदेश में इनकी संख्या लगभग 15000 से अधिक है। राज्य शासन द्वारा तालाबों को बचाने के लिए अनेक उपाय किए जा रहे हैं जिनमें प्रमुखत: विगत 02 वर्षों में रामसर साइट्स की संख्या एक से बढकर चार हो गयी है। ये प्रदेश के लिए गौरवान्वित करने वाली उपलब्धि है।
विश्व वेटलैण्ड्स दिवस 2024 कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, म.प्र. राज्य वेटलैण्ड प्राधिकरण तथा राज्य के पर्यावरण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में नगर निगम, इन्दौर के सहयोग से किया जा रहा है। इस अवसर पर देश के वेटलैण्ड के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों एवं वेटलैण्ड से प्राप्त होने वाले विभिन्न प्रकार के पदार्थों एवं उत्पादों के संबंध में एक रोचक प्रदर्शनी भी लगायी जा रही है। 02 फरवरी 2024 को सभी अतिथिगण सिरपुर में प्रात: 8.30 से 10 बजे तक पक्षी दर्शन कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। इसके पश्चात् 10.30 बजे बाद प्रदर्शनी के उद्घाटन एवं मुख्य कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस मौके पर नुक्कड़ नाटक विजेता टीम द्वारा प्रदर्शन तथा नेचर-गाइड्स एवं वेटलैंड मित्रों का पुरस्कार वितरण भी होगा।
:: मुसोंडा मुंबा इन्दौर पहुंची; यशवंत सागर दौरा किया ::
रामसर साइट सिरपुर झील शुक्रवार 2 फरवरी होने वाले विश्व वेटलैंड्स दिवस कार्यक्रम में शामिल होने रामसर कन्वेंशन के महासचिव डॉ. मुसोंडा मुंबा और पर्यावरण मंत्रालय के संयुक्त सचिव (वेटलैंड्स) डॉ. सुजीत कुमार बाजपेयी गुरूवार को इन्दौर पहुंच चुके है। इन्दौर विमानतल पर निगम कमिश्नर ने उनका आत्मीय स्वागत किया। वर्ल्ड वेटलैंड डे 2024 की पूर्व संध्या पर रामसर कन्वेंशन ऑफ वेटलैंड की महासचिव डॉ. मुसोंडा मुंबा ने निगम कमिश्नर के साथ यशवंत सागर रामसर साइट का दौरा किया। इसके पूर्व उन्हें प्रजेंटेशन के जरिए इन्दौर की दोनों रामसर साइट की जानकारी दी गई। उन्होने यशवंत सागर में निगम कमिश्नर के साथ नौका विहार किया, कमल के फूलों के लिए प्रसिद्ध गुलावट का अवलोन किया तथा सेल्‍फी प्लाइंट पर सेल्फी भी ली। इस दौरान उन्होने स्वयं सहायता समूहों के साथ बातचीत भी की। उन्होने यहां स्थानीय नागरिकों द्वारा लगाई की प्रदर्शनी का भी अवलोकन भी किया। शुक्रवार को डॉ. मुंबा इन्दौर की सिरपुर झील पर वर्ल्ड वेटलैंड डे समारोह में भाग लेंगी।
:: दुनिया भर में मनाया जाता है विश्व वेटलैंड दिवस ::
भारत 1971 में ईरान के रामसर में हस्ताक्षरित रामसर कन्वेंशन के अनुबंध पक्षों में से एक है। 2 फरवरी 1971 को वेटलैंड पर इस अंतर्राष्ट्रीय समझौते को अपनाने के उपलक्ष्य में विश्व वेटलैंड दिवस (डब्ल्यूडब्ल्यूडी) दुनिया भर में मनाया जाता है। भारत ने इस कन्वेंशन की पुष्टि की 1 फरवरी 1982 को। इससे पहले अगस्त 2022 में, भारत ने स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के दौरान रामसर साइटों की कुल संख्या 75 तक ले जाने का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया। भारत सरकार के एक महत्वपूर्ण नीतिगत प्रोत्साहन के कारण, पिछले दस वर्षों में रामसर साइटों की संख्या 26 से बढ़कर 80 हो गई है, जिनमें से 38 अकेले पिछले तीन वर्षों में जोड़े गए हैं।
:: विश्व वेटलैंड्स दिवस की पूर्व संध्या पर भारत में पॉंच रामसर साइट बढ़ी ::
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन और श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव ने विश्व वेटलैंड्स दिवस 2024 की पूर्व संध्या पर कहा कि भारत ने पांच और वेटलैंड्स को रामसर साइटों (अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड्स) के रूप में नामित किया है जिससे इनकी संख्या मौजूदा 75 से बढ़ाकर 80 हो गई है। एक्स पर की एक पोस्ट में मंत्री यादव ने यह जानकारी दी। उन्होने बताया कि रामसर कन्वेंशन के महासचिव डॉ. मुसोंडा मुंबा से मुलाकात के दौरान उन्होने पांच स्थलों के प्रमाण पत्र सौंपे। यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण और संरक्षण पर जो जोर दिया है, उससे भारत की अपनी वेटलैंड की देखरेख करने के तरीके में एक आदर्श बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा परिकल्पित अमृत धरोहर पहल को दर्शाता है। केंद्रीय मंत्री ने तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों को बधाई दी, जिनकी वेटलैंड ने रामसर साइटों की सूची में जगह बनाई है। भारत ने पांच और वेटलैंड्स को रामसर साइटों (अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड्स) के रूप में नामित किया है जिससे इनकी संख्या मौजूदा 75 से बढ़ाकर 80 हो गई है। इनमें से तीन स्थल, अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्व, अघनाशिनी एस्चुएरी और मगदी केरे संरक्षण रिजर्व कर्नाटक में स्थित हैं, जबकि दो, कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य और लॉन्गवुड शोला रिजर्व वन तमिलनाडु में हैं। इन पाँच वेटलैंड्स को अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड की सूची में शामिल करने के साथ, रामसर स्थलों के अंतर्गत आने वाला कुल क्षेत्र अब 1.33 मिलियन हेक्टेयर है, जो मौजूदा क्षेत्र (1.327 मिलियन हेक्टेयर में से) से 5,523.87 हेक्टेयर की वृद्धि है। तमिलनाडु में अधिकतम संख्या बनी हुई है रामसर साइट्स (16 साइट्स) के बाद उत्तर प्रदेश (10 साइट्स) का नंबर आता है।