लोकसभा की 89 सीटों पर दिग्गजों की नजर, शाह केरल और राहुल महाराष्ट्र में करेंगे रैलियां

नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव का पहला चरण पूरा होने के बाद अब दूसरा चरण 26 अप्रैल को होना है। मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए दिग्गज नेता लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं। देश के 13 राज्यों की 89 सीटों पर फोकस है। खबर है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बुधवार को केरल में प्रचार अभियान में शामिल हो सकते हैं। खास बात है कि भारतीय जनता पार्टी लगातार दक्षिण भारतीय राज्यों में जमीन मजबूत करने की कोशिश में लगा हुई है। कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी बुधवार को महाराष्ट्र में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में दो चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह अमरावती और सोलापुर क्षेत्र के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। बता दें कि पहले चरण के मतदान के बाद अब 26 अप्रैल को दूसरे चरण की तैयारियां जोरों पर हैं। भारत निर्वाचन आयोग और राजनीतिक दल लगातार वोटिंग बढ़ाने की प्रयासों में जुटे हुए हैं। शुक्रवार को कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर समेत 13 राज्यों की 89 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
इधर पहले चरण की वोटिंग होने के बाद भाजपा और कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के दावे कर रहे हैं। कांग्रेस कहती है कि इस चुनाव में भाजपा 150 से ज्यादा सीटें किसी भी हाल में नहीं मिलेगी। जबकि भाजपा दावा कर रही है कि 370 सीटें जीतेगी। राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने कहा, जो मतदान हुआ है वह भाजपा के पक्ष में हुआ है। कांग्रेस को लेकर लोगों में उदासीनता थी, उसके पीछे का कारण है इनके सेनापति का वायनाड भाग जाना… जब नेतृत्व की यह हालत होती है तो उनके कार्यकर्ता और जनता उदासीन हो जाती है। लोगों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कहा कहना है कि नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मैं हर परिवार को 15 लाख रुपए दूंगा। कांग्रेस ने विदेश में जो काला धन रखा है उसे वापस लेकर आऊंगा। वो पैसा कहां है? अगले चुनाव में उन्होंने कहा कि मैं किसानों की आय दोगुना करूंगा। किसानों की दोगुना आय कहां है?अब वे फिर कह रहे हैं मोदी की गारंटी, मोदी की गारंटी क्या है? मोदी की गारंटी है कि वे जो वादे कर रहे हैं उसे पूरा नहीं करेंगे… ये मोदी की गारंटी है।
केरल में अल्पसंख्यक वोटों पर नजर
केरल में चुनाव लड़ रहे सभी प्रमुख दलों-गठबंधनों की नजर अल्पसंख्यक मतों पर टिकी हुई है। राज्य में करीब 45 प्रतिशत आबादी अल्पसंख्यक होने के कारण सभी दलों की रणनीति अल्पसंख्यक मतों के इर्द-गिर्द घूम रही है। राज्य में वैसे तो 55 फीसदी हिंदू मतदाता हैं लेकिन उनके मत वाम, कांग्रेस तथा भाजपा में बंटे हुए हैं। जबकि शेष 45 प्रतिशत अल्पसंख्यक मतों का बड़ा हिस्सा जिस दल को जाता है, वह बड़ी जीत हासिल करता है। पिछली बार यूडीएफ ने 20 में से 19 सीटें जीत ली थीं जिसकी प्रमुख वजह अल्पसंख्यक वोटों का मिलना रहा। इनमें कांग्रेस ने 15, आईएमयूएल ने 2, आरएसपी तथा केरल कांग्रेस ने एक-एक सीट जीती थी। जबकि एलडीएफ खेमें में सिर्फ माकपा को एक सीट मिल पाई थी।