भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को रानी दुर्गावति की प्रतिमा पर माल्यार्पण और उन्हें नमन कर विदिशा लोकसभा की खातेगांव विधानसभा के ग्राम मचवास से जन-आशीर्वाद यात्रा का शुभारंभ किया और जनसभा को संबोधित किया। पूर्व सीएम की जन-आशीर्वाद यात्रा खातेगांव विधानसभा के 30 से ज्यादा गांवों से गुजरी। इस दौरान गांव-गांव में आमजन ने शिवराज का फूलों की वर्षा कर भव्य स्वागत किया। बहनों ने शिवराज सिंह चौहान को तिलक लगाकर आरती उतारी और सिर पर हाथ रख आशीर्वाद दिया। साथ ही बहनों ने अपने भैया शिवराज के हाथ में नारियल और चुनाव लड़ने के लिए 10-10 रूपए थमा दिए। पूर्व सीएम ने भी सभी बहनों को शीश झुकाकर प्रणाम किय
- नेता नहीं, भैया और मामा हूं
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, मैं नेता नहीं हूं, मैं मामा और भैया हूं, हम सब एक ही परिवार है। मुझे भगवान ने आपकी सेवा करने के लिए यहां भेजा है। मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए भी इस क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी है। चाहे सिंचाई हो, चाहे पानी हो, बिजली हो या शिक्षा हो। हर क्षेत्र में विकास की गंगा बहाई है। बच्चों के लिए सीएम राइज़ स्कूल खोले गए हैं, जहां उन्हें प्राइवेट स्कूलों से बेहतर सुविधाएं मिल रही है। मेधावी छात्र-छात्राओं को स्कूटी और लैपटॉप विरतिरत किए जा रहे हैं। गरीबों के बेटा-बेटी के लिए मेडिकल और इंजीनियरिंग की फीस राज्य सरकार भर रही है। अब विकास के कार्यों को आगे बढ़ाना है। हम सबको मिलकर काम करना है। कांग्रेस के जमाने में तो न सड़कें थी, न बिजली और न पानी। विकास की एक ईट भी नहीं लगाई है। विकास के काम केवल भारतीय जनता पार्टी की सरकार में ही हुए हैं। इसलिए विदिशा लोकसभा से जीत का रिकॉर्ड बनाकर सबसे सुंदर कमल का फूल भेंट करना है। - लखपति दीदी अभियान
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, मेरे लिए बहनें देवी की मूर्तियां है और बेटियां तो साक्षात देवी का रूप है। बचपन में मैंने बेटा-बेटी में भेदभाव होते देखा था। तब मन बहुत दुखी होता था, बहनों की तकलीफें देखी थी। तभी से मन में संकल्प था कि, बहन-बेटियों की जिंदगी बदलना है। इसलिए मुख्यमंत्री बनते ही लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई। फिर कन्या विवाह योजना और फिर लाड़ली बहना योजना। लाड़ली बहना योजना ने तो बहनों की जिंदगी बदल दी। उनका मान-सम्मान बढ़ा दिया, लेकिन ये सफर यहीं नहीं थमेगा अब लाड़ली बहना के बाद लखपति दीदी बनाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी लखपति दीदी बनाने का अभियान चलाने की बात कही है। लखपति दीदी मतलब घर का कामकाज करते हुए हर बहन की सालाना आय 1 लाख रूपए से अधिक हो और ये होकर रहेगा। कोई भी बहन गरीब नहीं रहेगी, उन्हें किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। - मोदी जी के नेतृत्व में विश्व गुरू बनेगा भारत
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, मोदी जी के नेतृत्व में एक गौरवशाली, वैभवशाली, शक्तिशाली, सम्पन्न और समृध्द भारत का निर्माण हो रहा है। मोदी जी ने भारत का मान-सम्मान बढ़ाया है। आज दुनिया के कोने-कोने में भारत का डंका बज रहा है और मोदी-मोदी के नारे लग रहे हैं, ये सम्मान केवल मोदी जी का नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों का है। उन्होंने कहा कि, 100 साल पहले एक नरेन्द्र यानी कि, स्वामी विवेकानंद ने कहा था, सुदीर्घ रजनी समाप्त जान पड़ती है, महानिशा का अंत निकट है, जो अंधे हैं वो देख नहीं सकते, जो बहरे हैं वो सुन नहीं सकते, लेकिन मैं स्पष्ट रूप से देख रहा हूं कि, भारत माता एक बार फिर अंगड़ाई लेकर खड़ी हो रही है और विश्व गुरू के पद पर आसीन हो रही है। आज नरेन्द्र मोदी 100 साल बाद इस सपने को साकार कर रहे हैं। चौहान ने कहा कि, मुझे पूरा विश्वास है कि, मोदी जी के नेतृत्व में भारत विश्व गुरू बनेगा कोई रोक नहीं सकता है। - गांव-गांव शिवराज
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जन-आशीर्वाद यात्रा के दौरान जगह-जगह, गांव-गांव भव्य स्वागत हुआ। खातेगांव विधानसभा के ग्राम मचवास से शुरू हुई यात्रा में हर कोई शिवराज के स्वागत-सम्मान के लिए आतुर दिखा। बहनें आरती की थाली सजाकर भैया शिवराज का इंतजार करती नज़र आई और भैया के आने पर उन्हें तिलक लगाकर सिर पर हाथ रखकर विजयी भव: का आशीर्वाद दिया। बड़े-बुजुर्गों ने शिवराज को गले लगाकर जुग-जुग जियो कहा तो भांजे-भांजियों ने अपने मामा पर अटूट प्रेम बरसाया। युवा, नौजवान साथियों ने शिवराज से हाथ मिलाकर और फूलों की माला पहनाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि, बहनों का प्रेम, बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद और जनता का ये प्यार पाकर अभिभूत हूं, मैं कभी भी आपका ये विश्वास टूटने नहीं दूंगा। - इन गांवों में पहुंची यात्रा
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को विदिशा लोकसभा की खातेगांव विधानसभा में जन-आशीर्वाद यात्रा निकाली। यात्रा मचवास से शुरू होकर निवारदी, पटरानी, कालीबाई, काकड़दी, ओमकारा, सातल, कोलारी, भिलाई, सिया, कीटिया, जोड़, जागठा, जामुनिया, थूरिया, सेती, बावड़ीखेड़ा, दावत, नर्सरी, पानीगांव, बिजवाड़, मालजीपुरा, कलवार, किलोदा, बागनखेड़ा, कन्नौद, ननासा, ठाकलीखेड़ा. बरवाई खेड़ा, रानीबाग, बरवाई जोड़, बरवाई, भटासा और अजनास में समाप्त हुई।