गेमिंग जोन अग्निकांड : नहीं चाहिए मदद…कुछ करना ही है तो आरोपियों को फांसी दो, वरना मैं मार डालूंगा

राजकोट । गेमिंग जोन में हुए भीषण अग्निकांड हादसे में करीब तीन दर्जन लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में कई बच्चे भी शामिल हैं। अपनो को खो चुके परिजनों का गुस्सा फूट रहा है। वे लगातार आरोपियों को मौत की सजा की मांग कर रहे हैं। अपने लाड़ने को खो चुके प्रदीप सिंह ने तो बकायदा पत्रकारों से बात करते हुए बिना किसी लाग लपेट के कहा कि आरोपियों को फांसी मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे किसी तरह की कोई आर्थिक मदद नहीं चाहिए। यदि मदद करना ही है तो आरोपियों बिना जमानत दिए फांसी की सजा दे दो। इसके बाद भी यदि आरोपियों को जमानत दी गई तो मैं उन्हे किसी भी सूरत में नहीं छोड़ूंगा और मार डालूंगा। बता दें कि पुलिस ने युवराज सिंह सोलंकी समेत कुल छह आरोपियों के खिलाफ टीआरपी गेम जोन अग्निकांड हादसे के लिए मामला दर्ज किया है।
प्रदीप सिंह ने कहा कि मेरे परिवार को आठ लोग टीआरपी गेम जोन गए थे। इनमें तीन लोग मिल गए हैं। पांच अभी मिसिंग हैं। इनमें मेरा बेटा भी शामिल है। इसके अलावा मेरे साढ़ू भाई हैं और उनका बेटा भी है। इसके अतरिक्त मेरे बड़े भाई की पत्नी और और उनका साला है। ऐसे कुल पांच लोगों का पता नहीं है। मेरी मांग की सरकार फांसी की सजा दे। मुझे कोई आर्थिक सहायता नही चाहिए। जो आर्थिक सहायता मिलेगी तो मैं जरूरतमंदों को दे दूंगा। सरकार अपराधियों को मौत की सज़ा दे। अगर उनको जमानत मिली तो किसी को नहीं छोड़ूंगा में सबको मार डालूंगा। अगर सरकार एक्शन नहीं लेगी तो पब्लिक एक्शन लेगी। मैं यह करके दिखाऊंगा। सिंह ने कहा कि वह इस मामले को लड़ने के लिए अपने पास से दो लाख रुपये देने के लिए तैयार हैं, लेकिन इस मामले में लापरवाही बरतने वालों को सजा होनी चाहिए। सिंह ने गुस्से में कहा कि अब मेरे आगे-पीछे कोई नहीं है। ऐसे में मीडिया के सामने कह रहा हूं कि अगर आरोपियों को सजा से पहले जमानत मिली तो मैं उन्हें खत्म कर दूंगा। सिंह ने कहा कि 33 लोगों की जान लेने वालों को फांसी की सजा होनी चाहिए। राजकोट गेम जोन हादसे में सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे। अभी तक की जांच में संचालकों की तरफ लापरवाही सामने आई है। राजकोट अग्निकांड पर गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। काेर्ट ने गेम जोन हादसे को मानव निर्मित त्रासदी बताते हुए बड़े शहरों के निगमों के साथ सरकार से जवाब मांगा है। 27 मई को दो जजों की बेंच इस मामले में आगे सुनवाई करेगी।
27 डेडबॉडी रिकवर
राजकोट पुलिस आयुक्त राजू भार्गव के अनुसार गेम जोन हादसे में 27 डेडबॉडी रिकवर की गई है। इनकी गांधीनगर एफएसएल में डीएनए की जांच हो रही है। भार्गव के अनुसार दो आरोपियों की गिरफ़्तारी हुई है। इस अग्निकांड में कुल के ख़िलाफ़ एफआईआर हुई है। जांच क्राइम ब्रांच को दी गई है। भार्गव ने बताया कि नवंबर 2023 में लाइसेंस दिया गया था फिर उसे एक साल का रिन्यूअल भी दिया गया था। पुलिस आयुक्त ने बताया कि फायर एनओसी के लिए टीआरपी गेम जोन की तरफ से अर्ज़ी दी थी, लेकिन इस पर अभी तक फ़ैसला नहीं लिया गया था। भार्गव ने कहा गेम जोन संचालकों की तरफ से फायर सेफ्टी के लिये सभी सबूत भी दिए थे लेकिन कार्यवाही पूर्ण नहीं हुई।