:: प्रेस क्लब के चाय पर चर्चा कार्यक्रम में बोले देश के ख्यात चित्रकार सुहास बहुलकर ::
इन्दौर । इन्दौर की कला परम्परा बहुत समृद्ध रही है। यहां की कलाकृतियों का एक संग्रहालय यहां स्थापित होना चाहिए। इसमें इन्दौर के अलावा मध्यप्रदेश के कलाकारों की कलाकृतियों को भी संग्रहित किया जाना चाहिए। यह बात देश के ख्यात चित्रकार सुहास बहुलकर ने कही। वह मंगलवार दोपहर इन्दौर प्रेस क्लब के चाय पर चर्चा कार्यक्रम में मीडिया से बात कर रहे थे।
उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कला का डाक्यूमेंटेशन नहीं हो रहा है। इन्दौर में मुझे देवलालीकर जी जैसे ख्यात कलाकार की कलाकृति नहीं मिली, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि प्रतिष्ठित कलाकारों की कलाकृतियों का डाक्यूमेंटेशन हो। उन्होंने कहा कि हमारे यहां चित्रकला की यह स्थिति है कि स्कूलों में चित्रकला का शिक्षक तक नियुक्त नहीं होता। अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इसे लेकर प्रावधान हुआ है। आशा करता हूं कि इससे सुधार होगा। पहले हर घर में कैलेंडर लगा रहता था और उस पर चित्र अंकित होता था। अब कैलेंडर की उपस्थिति घरों में दिखाई नहीं पड़ती और इसके साथ चित्र का घर में प्रवेश का रास्ता बंद हो गया है। कला और कलाकार को सरकार से अपेक्षित सम्मान मिलता है या नहीं इस सवाल के जवाब में बहुलकर ने कहा कि मध्यप्रदेश में इस मामले स्थिति अच्छी है, लेकिन महाराष्ट्र में स्थिति ठीक नहीं है।
जब उनसे पूछा गया कि राजनीति ने कला के क्षेत्र को कितना नुकसान पहुंचाया है, इस पर उन्होंने कहा कि जो चीजें राजनीति में हो रही हैं, उसका असर अन्य क्षेत्र में भी दिखाई पड़ता है। अच्छी कला को अच्छा बोलने की आदत हम भूल रहे हैं। यह चिंताजनक है।
:: नवंबर तक पूरा होग राम दर्शन प्रोजेक्ट ::
बहुलकर ने चित्रकूट में राम दर्शन प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए बताया कि भारत रत्न नानाजी देशमुख की परिकल्पना यह थी कि चित्रकूट में मंदिर नहीं प्रेरणा स्थल स्थापित करना है। वहां जो नवीनीकरण का काम चल रहा है वह नवंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा। 14 साल के वनवास के दौरान साढ़े ग्यारह साल भगवान राम ने चित्रकूट में समय व्यतीत किया था। हमने गुरुकुल से लेकर राम-रावण युद्ध तक का चित्रण राम दर्शन प्रोजेक्ट में किया है। इन्दौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी और उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी ने बहुलकर का स्वागत किया।
:: फड़के स्टूडियो पर जताई चिंता ::
बहुलकर ने कहा कि वरिष्ठ मूर्तिकार आर.के. फड़के की पहचान मूर्ति कला को लेकर देश के साथ पूरी दुनिया में रही है। इन्दौर के पास धार में स्थित फड़के स्टूडियो को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार को इस स्टूडियो को अपने हाथ में लेकर यहां की कलाकृतियों को संरक्षित करना चाहिए।