दुबई । संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का व्यापारिक केंद्र दुबई दुनिया भर के अमीरों के आकर्षण का केंद्र है। एक रिपोर्ट के अनुसार दुबई में इस साल 6700 करोड़पतियों के आने का अनुमान है। अब दुबई में आने वाले अमीर लोगों की संख्या अमरीका से लगभग दोगुना है। अमरीका में इसतरह के 55 लाख लोग 10 लाख डॉलर या उससे अधिक की संपत्ति रखते हैं।
दुबई व्यापार करने के लिए आसान जगह होने के साथ ही दुनिया में लगभग हर जगह के लिए यहां से सुविधाजनक उड़ानें है। इसकी सड़कें न्यूयॉर्क या लंदन की तुलना में ज्यादा साफ-सुथरी और अधिक सुरक्षित हैं। दूसरा यह विदेशी अमीरों को इसलिए भी अपनी ओर आकर्षित करता है क्योंकि यहां पर आय, संपत्ति या पूंजीगत लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता है। रिपोर्ट में कहा गया है लंबे समय से पड़ोसी देशों के अमीर रूसियों, भारतीयों और अरबों के लिए एक शरणस्थल रहा दुबई अब मुगल प्रवासियों के एक नए समूह को आकर्षित कर रहा है।फ्रांस में कट्टर-दक्षिणपंथी सरकार के सत्ता में आने की खबरों के बाद फ्रांस के अमीर दुबई में बसने के लिए ब्रोकर और एजेंटों को कॉल कर रहे हैं। 2024 के पहले तीन महीनों में दुबई में भारतीयों के साथ-साथ फ्रांसीसी और इटालियंस घर खरीदने में सबसे ज्यादा उत्साहित थे।
कहा जा रहा है कि फरवरी माह में यूरोपीय लोगों ने दुबई ने अपनी ओर एकाएक खींच लिया जब यहां एक अंतर-सरकारी निकाय, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफ.ए.टी.एफ.) ने मनी-लॉन्ड्रिंग और अन्य वित्तीय शरारती लोगों द्वारा पसंद किए जाने वाले संदिग्ध स्थानों की अपनी ग्रे सूची से हटा दिया। दुबई को यूरोपियन अमीरों द्वारा तरजीह देने का एक और कारण यह है कि गाजा पट्टी पर चल रहे संघर्ष के बीच अब इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच लड़ाई तेज हो गई है। इसकारण यूरोपियन अमीर तर्क देते हुए दिखाई देते हैं कि यह एक क्षेत्रीय संघर्ष में बदल सकता है।