दीपा ने किया समर्थन
मुंबई । महिला पहलवान साक्षी मलिक और शीर्ष जिम्नास्ट दीपा करमाकर ने कहा है कि ओलंपिक पदक जीतने का सपना केवल खिलाड़ी का ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार का होता है। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी ने कहा है कि पदक केवल खिलाड़ी की ही नहीं बल्कि उससे जुड़े लोगों की भी जिंदगी बदल देता है। इससे उभरती हुई प्रतिभाओं को प्रेरणा मिलती है।
साक्षी ने कहा कि पदक विजेता के साथ ही उसके आसपास का माहौल भी बदलने लगता है और लोगों का ध्यान खेल पर जाता है। वे समझ जाते हैं कि इसमें भी कैरियर बन सकता है। साथ ही कहा कि जब मैंने पदक जीता था उसके बाद मैरे गृहनगर रोहतक में खेल की सुविधाएं बढ़ीं। बेहतर स्टेडियम बने हैं। यहां तक कि मेरे गांव में भी एक स्टेडियम बन गया है।
इससे उभरते बच्चों को खेल की बेहतर सुविधाएं मिलती है। इसके साथ ही उनके राज्य में कुश्ती का शौक तेजी से बढ़ा है। इसके साथ ही महिला पहलवानों की सफलता को देखतकर कई लड़कियां भी इस खेली में आ रही हैं। इस प्रकार लड़कियों ने साबित कर दिया है कि वे भी कुश्ती में आगे बढ़ सकती हैं। वहीं जिम्नास्ट दीपा ने कहा कि 2016 के रियो ओलंपिक के बाद त्रिपुरा में बहुत कुछ बदल गया है। पहले लोगों की सोच थी कि वे जिमनास्टिक में नहीं जा सकते पर अब ऐसा नहीं है। और अब त्रिपुरा में तेजी से बच्चे इस खेल में आ रहे हैं। इसके अलावा खेल की सुविधाएं भी पहले से बेहतर हुई हैं और कई प्रशिक्षण केन्द्र भी खुल गये हैं।