वायनाड । यहां भूस्खलन में दबे लोगों को जैसे-जैसे निकाला जा रहा है, मौतों की संख्या में इजाफा दिख रहा है। अब तक 276 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा खबर है कि 200 से ज्यादा लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। लेकिन मुश्किल यह है कि वायनाड समेत आसपास के इलाकों में जोरदार बारिश का दौर जारी है, जो अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। बारिश के चलते बचाव अभियान चलाने में मुश्किल आ रही है।
सेना बचाव अभियान में जुटी है। सेना, नेवी और एनडीआरएफ की टीमें फिलहाल सघन अभियान चला रही हैं, लेकिन मलबे में दबे लोगों को निकालना आसान नहीं है। खासतौर पर बारिश जारी रहने के चलते मुश्किल हो रही है। कुछ गांव ऐसे हैं कि बाढ़ के चलते उनसे संपर्क ही कट गया है। सेना के प्रवक्ता ने बयान जारी कर बताया कि मुंडक्काई और आसपास के इलाकों में सैनिक जुटे हैं। अब तक करीब 1000 लोगों को बचाकर सेना ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। इसके अलावा वायुसेना के हेलिकॉप्टरों को इलाके के सर्वे में लगाया गया है। सीएम पिनराई विजयन का कहना है कि अब तक 1,592 लोगों को बचाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह अभियान आखिरी व्यक्ति को बचाने तक जारी रहेगा। मंगलवार सुबह आई आपदा के चलते तीन गांव लगभग बह गए हैं। बड़े पैमाने पर लोग मलबे में ही दबे रहे गए, जिन्हें निकालना मुश्किल हो रहा है। लापता लोगों की स्थिति क्या होगी या फिर वे किस हाल में पाए जाएंगे, उसे लेकर भी आशंकाओं का दौर जारी है। वायनाड जिला प्रशासन का कहना है कि मारे गए लोगों में 23 बच्चे भी शामिल हैं। अब तक 100 से ज्यादा शवों की पहचान हो चुकी है। वहीं कई मामले ऐसे भी हैं, जहां पूरा परिवार ही तबाह हो गया और अब शवों को लेकर दावा करने भी कोई नहीं आ रहा है।
सेना अस्थायी पुल भी बना रही
उन इलाकों में सेना अस्थायी पुल भी बना रही है, जहां से संपर्क कट गया है। एक रेडीमेड पुल को तो वायुसेना के सी-17 एयरक्राफ्ट के जरिए दिल्ली से कन्नूर ले जाया गया है। इसके अलावा तीन सर्च और रेस्क्यू डॉग भी ले जाए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने आपदा के बाद से गायब लोगों की लिस्ट जारी की है। इन लोगों में सबसे कम उम्र का आदम सायन है, जिसकी उम्र 14 साल है। वहीं सबसे बुजुर्ग 85 साल के अब्दुर्रहमान मुसलियार हैं, जिनकी आयु 85 साल है। लापता लोगों उत्तर प्रदेश के भी 4 लोग हैं- जिनमें से 2 के नाम पिंटू चौहान और बॉबी चौहान हैं। इसके अला