राजस्व महाअभियान के भोपाल जिले में अच्छे परिणाम

निराश्रित गौवंश की देखभाल के लिए जिले में पायलेट प्रोजेक्ट
मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं उपचार के लिए करें सभी प्रबंध
संभागायुक्त श्री सिंह ने ली भोपाल जिले की समीक्षा बैठक
भोपाल । भोपाल जिले में राजस्व महाअभियान 2.0 के अच्छे परिणाम सामने आये हैं। नामांतरण, बंटवारा और अभिलेख दुरूस्ती में जिले में शत प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण किया गया है। परंतु यह प्रक्रिया सिर्फ अभियान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। राजस्व प्रकरणों का निराकरण राजस्व अधिकारियों का मूल कर्तव्य है, इसे वे निरंतर जारी रखें। वे कार्य में आने वाली चुनौतियों को चिन्हांकित करें और उसका समाधान निकालें।
संभागायुक्त संजीव सिंह ने आज भोपाल जिले की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, नगर निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायण सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
संभागायुक्त ने नक्शा अद्यतन किए जाने और ई केवायसी के कार्य को भी गति देने के निर्देश दिए। हर राजस्व प्रकरण आरसीएमएस पर दर्ज किए जाने और नामांतरण के बाद प्रकरण वेब जीआईएस पोर्टल पर दर्ज किए जाने के निर्देश दिए गए। नक्शा अद्यतन किए जाने के कार्य में धीमी प्रगति पर तहसीलदार गोविंदपुरा के प्रति अप्रसन्नता व्यक्त की गई।
संभागायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को मौसमी बीमारियों की रोकथाम और समुचित उपचार व्यवस्था के संबंध में निर्देश दिए। बैठक में मुख्य रूप से मंकी पॉक्स, स्वाइन फ्लू, डायरिया, गैस्ट्रोएनट्राइटिस, मलेरिया, चिकन गुनिया, डेंगू आदि बीमारियों की स्थिति की समीक्षा की गई। मंकी पॉक्स का मध्यप्रदेश में अभी तक कोई प्रकरण नहीं है। इसकी जांच की सुविधा एनआईवी पुणे में उपलब्ध है। स्वाइन फ्लू के 24 सैंपल जांच के लिए एम्स भोपाल और गांधी मेडिकल कालेज भोपाल में भिजवाए गए हैं। डेंगू के जनवरी 2024 से अभी तक 141 प्रकरण सामने आये हैं। बीमारियों की रोकथाम के लिए जल भराव रोकने, दवा छिड़काव, लार्वा की जांच, आदि के निर्देश दिए गए।
पशु पालन विभाग के समीक्षा के दौरान बताया गया कि निराश्रित गौवंश को सड़कों से हटाने तथा उनकी समुचित देखभाल के लिए भोपाल जिले में तीन माह का पायलेट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत भोपाल-रायसेन-विदिशा और भोपाल-सीहोर-देवास राजमार्गों के लिए दो सेक्टर बनाए जाकर गौ पेट्रोलिंग वाहनों के माध्यम से 24 घंटे पेट्रोलिंग की जा रही है। निराश्रित गौवंश को निकटस्थ गौशाला में भिजवाया जाता है। अभी तक 306 गौवंश गौशालाओं में भिजवाए गए हैं। भोपाल जिले में 42 शासकीय और 20 अशासकीय गौशालाएं संचालित हैं। संभागायुक्त ने सभी एसडीएम को अपने क्षेत्र की गौशालाएं देखने और उक्त कार्य में पूरा सहयोग करने के निर्देश दिए।
नगर निगम आयुक्त ने बताया कि निराश्रित पशुओं को सड़कों से हटाए जाने के लिए निगम द्वारा चार हाइड्रोलिक वाहन, उनके उपचार के लिए दो वाहन और गौशाला भेजने के लिए एक वाहन संचालित है। निगम द्वारा 5 कांजी हाउस एवं एक गौशाला अरवलिया में संचालित है। जिला पंचायत के अंतर्गत 41 गौशालाएं हैं जिनमें 18 गौशालाएं क्रियाशील हैं। शेष गौशालाओं में भी आवश्यक प्रबंधन कर उन्हें सक्रिय किए जाने के निर्देश संभागायुक्त ने जिला पंचायत को दिए।