नई दिल्ली । हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजे आठ अक्टूबर यानी मंगलवार को आएंगे, लेकिन एग्जिट पोल के आंकड़े चर्चा का विषय बन गए हैं। हरियाणा में एग्जिट पोल ने कांग्रेस की स्पष्ट जीत दिखाई है, जिससे बीजेपी के लिए सत्ता में वापसी होना मुश्किल दिख रहा है। अलगअलग एग्जिट पोलों में कांग्रेस को 44 से 65 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है, जबकि बीजेपी 15 से 28 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। यह आंकड़े 2019 के विधानसभा चुनावों से बिल्कुल उलट हैं, जब बीजेपी को 40 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 31 सीटें।
यदि एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं, तो हरियाणा में बीजेपी की सत्ता से विदाई और कांग्रेस की सत्ता में वापसी का रास्ता साफ हो सकता है। हरियाणा की राजनीतिक स्थिति को देखें तो बीजेपी ने 2014 में मोदी लहर के चलते राज्य में अपना दबदबा बनाया था। उस समय बीजेपी को 33.3 फीसदी वोट और 47 सीटें हासिल हुई थीं। हालांकि, 2019 के चुनावों में, बीजेपी का वोट फीसदी बढ़कर 36.5 हो गया, लेकिन सीटों की संख्या 40 रह गई।
दूसरी तरफ कांग्रेस ने 2019 में अपनी स्थिति में सुधार किया और 28.1 फीसदी वोट के साथ 31 सीटें जीती थी। इस बार के चुनावों में, बीजेपी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। किसान आंदोलन, पहलवानों का विरोध और युवाओं से जुड़े मुद्दों ने चुनावी माहौल को बदल दिया। बीजेपी ने चुनाव से पहले सीएम को बदलने का निर्णय लिया, जिसे पार्टी के आत्मविश्वास में कमी का संकेत माना जा रहा है। इसके साथ ही, पार्टी को आंतरिक असंतोष और बागी नेताओं का भी सामना करना पड़ा, जिसने उसकी स्थिति को और कमजोर कर दिया।
जम्मू-कश्मीर में भी कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है। एग्जिट पोल के मुताबिक इस गठबंधन को बीजेपी पर बढ़त मिल रही है, जो बीजेपी के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है। अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही निकले तो यह राजनीति में कांग्रेस के पुनरुत्थान का अच्छा संकेत होगा। इन चुनावों के नतीजे कांग्रेस और बीजेपी के लिए अहम साबित होंगे।