इन्दौर | रेसीडेंसी कोठी का नाम बदलकर शिवाजी कोठी (शिवाजी वाटिका) करने का प्रस्ताव पिछले हफ्ते हुई मेयर इन काउंसिल की बैठक में पास हुआ था। जिस पर राजनीतिक दलों सहित कई सामाजिक साहित्यिक संस्थाओं ने आपत्ति जताते इसका विरोध किया था। रेसीडेंसी कोठी के नाम बदलने के विरोध के इसी तारतम्य में संस्था पुण्यश्लोका ने भी इसका विरोध किया है। संस्था के कार्यकर्ताओं ने रेसीडेंसी कोठी का नाम देवी अहिल्या विश्राम गृह रखने की मांग करते अपने विरोध-प्रदर्शन के दौरान रेसीडेंसी कोठी पर देवी अहिल्या कोठी नाम का बैनर भी लगा दिया। मामले में संस्था पुण्यश्लोका के कार्यकर्ताओं का कहना है कि रेसीडेंसी कोठी का नाम शिवाजी कोठी रखने के पीछे का फैसला राजनीति से प्रेरित है। महापौर परिषद द्वारा लिया गया यह एक तरफा फैसला है, जिससे संस्था के साथ धनगर समाज के लोगों में आक्रोश है। महापौर परिषद में फैसला लेने से पहले एक बार शहर की जनता से भी विचार-विमर्श किया जाना था।