महाराष्ट्र के साथ न्याय नहीं कर रही केंद्र सरकार: नागपुर में लगने वाला प्रोजेक्ट गुजरात में लगा दिया

नई दिल्ली। महाराष्ट्र चुनाव का असर अब सियासत पर दिखने लगा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी पूरे दमखम के साथ भाजपा को शिकस्त देने विभिन्न मुद्दों से अटे तरकश लेकर मैदान में कूद पड़ी है। संगठन के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा आरोप लगाया कि जिस टाटा-एयरबस सी-295 एयरक्राफ्ट सुविधा का शुभारंभ पीएम मोदी ने किया है। इस परियोजना को नागपुर में लगाया जाना था, लेकिन 2022 में गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसे वहां स्थानांतरित कर दिया गया। जयराम ने इसे महाराष्ट्र और साथ साजिश करार दिया। उन्होंने कहा इससे महाराष्ट्र महत्वपूर्ण निवेश से वंचित रह गया। ये महाराष्ट्र के साथ अन्याय है।
जयराम ने कहा बात इतनी भर नहीं, जिस अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र को सिर्फ गुजरात के गिफ्ट सिटी में स्थापित किया गया है उसे डॉ. मनमोहन सिंह ने 2006 में मुंबई में स्थापित करने का प्रयास शुरू किया था। बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में ज़मीन पहले ही संस्था के लिए अलग रखी गई थी। लेकिन इसे नाकाम कर दिया गया जिससे मुंबई में संभावित रूप से मिलने वाली 2 लाख नौकरियां चली गईं। तेजतर्रार नेता माने जाने वाले राज्यसभा सदस्य, पूर्व केंद्रीय मंत्री अपने खास अंदाज में पीएम मोदी को घेरने के प्रयासों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने केंद्र के एक और फैसले को महाराष्ट्र के खिलाफ बताते हुए कहा, मुंबई और सूरत ने दशकों से भारत के हीरा उद्योग को विकसित करने के लिए मिलकर काम किया है। सूरत हीरा कटिंग और पॉलिशिंग का काम संभालता है, मुंबई व्यापार और निर्यात का काम संभालता है। लेकिन, भाजपा और उसके आकाओं ने सूरत में नया भारत डायमंड बोर्स बनाने का फ़ैसला किया। यह और बात है कि यह कदम पूरी तरह से विफल हो गया है, क्योंकि कई हीरा व्यापारी अपना कारोबार वापस मुंबई ले जा रहे हैं।
उन्होंने टाटा-एयरबस विनिर्माण संयंत्र के अलावा (अब फेल हो चुके) वेदांता-फॉक्सकॉन चिप फैक्ट्री को भी महाराष्ट्र से गुजरात स्थानांतरित करने पर भी सवाल खड़े किये। 80 से अधिक वर्षों से मुंबई में स्थित कपड़ा आयुक्त कार्यालय को पिछले साल बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया था, इस तथ्य के बावजूद कि मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर) वस्त्रों का एक बड़ा केंद्र बना हुआ है, जयराम ने अपने सवालों के घेरे में केंद्र के इस कदम को भी रखा। उन्होंने दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड को भी 2021 में नागपुर से दिल्ली स्थानांतरित करने पर भी सवाल खड़े किये। इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने दस वर्षों तक मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग पर कुछ नहीं किया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और महाराष्ट्र में नागरिक समाज संगठनों के निरंतर दबाव के बाद विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसे सुनिश्चित करने के लिए क़दम उठाए गए।
एआईसीसी महासचिव प्रमुख प्रवक्ता जयराम ने जोर देकर कहा, कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र की महायुति गठबंधन पूरे देश के समान विकास में विश्वास करते हैं। बुनियादी ढांचे के नए प्रोजेक्ट्स, विशेष निवेश क्षेत्रों और आधुनिक उद्योग से सभी भारतीयों को लाभ होना चाहिए, न कि केवल एक राज्य को। जब 1970 और 80 के दशक में गुजरात का औद्योगीकरण जारी था, तब अन्य राज्यों से प्रोजेक्ट्स छीने बिना गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड, गुजरात रिफाइनरी और आईपीसीएल जैसी परियोजनाएं स्थापित की गईं थी। सब कांग्रेस सरकारों की देन रही। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र के लोग राज्य के साथ किए गए विश्वासघात के लिए प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों को करारा जवाब देंगे।