नई दिल्ली । भारतीय नौसेना अपनी न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन आईएनएस अरिघट से पहली बार के-4 एसएलबीएम का सफल परीक्षण किया है। एटॉमिक हथियार ले जाने वाली इस मिसाइल की रेंज 3500 किलोमीटर है। यह देश को सेकेंड स्ट्राइक की क्षमता देती है जिससे देश के न्यूक्लियर ट्रायड को यह ताकत मिलती है कि यह मिसाइल अगर जमीन पर स्थिति ठीक नहीं है तो पानी के अंदर से सबमरीन हमला कर सकती है।
के-4 एसएलबीएम एक इंटरमीडियट रेंज की सबमरीन से लॉन्च होने वाली परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे नौसेना के अरिहंत क्लास पनडुब्बियों में लगाया गया है। इससे पहले नौसेना के-15 का इस्तेमाल कर रही थी, लेकिन के-4 उससे ज्यादा बेहतर, सटीक और आसानी से ऑपरेट होने वाली मिसाइल है। आईएनएस अरिहंत और अरिघट पनडुब्बियों में चार वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम हैं, जिससे यह लॉन्च होती है। यह मिसाइल 17 टन वजनी और 39 फीट लंबी है। इसका व्यास 4.3 मीटर है। यह 2500 किलोग्राम वजनी स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर हथियार लेकर उड़ सकती है।