लेखिका तस्लीमा भी हैरान, क्‍या बांग्‍लादेश दूसरा सीरिया बनने जा रहा है?

-एक कल्चर प्रोग्राम में छात्रों ने नकली हथियार लेकर पहनी आतंकी वाली ड्रेस
ढाका । बांग्‍लादेश के जेसोर के जामिया इस्लामिया मदरसा में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया इसमें छात्रों को अपने हिसाब से कपड़े पहनने का निर्देश दिया, लेकिन कई छात्र आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के आतंकियों जैसे कपड़े पहनकर वहां पहुंच गए उनके हाथों में बंदूकें थीं। इसको लेकर बांग्‍लादेश की लेखिका तस्‍लीमा नसरीन ने एक और पोस्‍ट शेयर की, जिसमें छोटे-छोटे बच्‍चे बंदूकों का प्रदर्शन कर रहे हैं।
नसरीन ने कहा कि यही बच्‍चे आगे चलकर असली हथियार उठाएंगे। सोशल मीडिया में यह तस्‍वीर वायरल हो गई। लोग पूछने लगे कि क्‍या बांग्‍लादेश दूसरा सीरिया बनने जा रहा है? बांग्‍लादेश को प्‍यार करने वाली कई हस्‍त‍ियों ने इसे सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किया। दावा किया जा रहा है कि बांग्‍लादेश के जेसोर जिले में जिहाद का आह्वान किया गया। एक यूजर ने एक्‍स पर शेयर करते हुए लिखा- बांग्लादेश का जेसोर जामिया इस्लामिया मदरसा जहां इस्लामिक आतंकवादी खुलेआम मशीन गन से धमकी दे रहे हैं।
इस वीडियो को मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्‍होंने लिखा- जेसोर के मदरसे के छात्र वार्षिक समारोह में एक नाटक पेश कर रहे हैं। इसमें वे इस्लामी आतंकवादियों की तरह पहने कपड़ों में जिहाद के समर्थन में कुरआन की आयतें पढ़ रहे हैं। वे बंदूकें लहरा रहे हैं। अभी तो यह खिलौना बंदूकें हैं, लेकिन कौन जानता है कि बाद में ये बंदूकें असली होंगी।
बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने भी इस वीडियो की आलोचना की है। इतना ही नहीं लेखिका तस्‍लीमा ने एक और वीडियो पोस्‍ट किया, जिसमें नन्‍हे-मुन्‍ने बच्‍चे हाथों में बंदूक थामे कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। उन्‍होंने लिखा, ये बांग्‍लादेश के मदरसे हैं, जहां ऐसी तालीम दी जा रही है। आतंकियों की तरह पोशाक पहने शख्‍स उंगली उठाकर बैठा है, जबकि उसकी आतंकी सेना बंदूकों, तलवारों और हथगोले से लैस खड़ी है। जब ये बच्चे बड़े होंगे, तो इस्लामी कानून की अवहेलना करने वालों को मारने के लिए असली बंदूकें, तलवारें और हथगोले उठाएंगे। उनका लक्ष्य दुनिया को इस्लामी तरीके पर चलाना होगा।
वीडियो जब वायरल हुआ तो मदरसा के प्रमुख मुफ्ती लुत्‍फुर रहमान फारूकी ने सफाई दी। उन्‍होंने कहा कि यह एक नाटक था। इसका नाम ‘गो ऐज यू लाइक’ रखा गया था। मंच से अरबी में जो भाषण दिए गए, उसमें उग्रवाद की कोई बात नहीं थी। छात्रों के हाथों में दिख रहा हथियार असली नहीं है, बल्कि यह खिलौना था। जेस्सोर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने वीडियो और आतंकवाद के बीच किसी भी संबंध से इनकार किया है।