उधर, महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद अपनों की तलाश…
किसी की मां लापता, किसी की पत्नी
प्रयागराज बॉर्डर पर लाखों श्रद्धालु फंसे, प्रशासन वापस भेज रहा; आसपास के लोग सहारा बने
प्रयागराज । प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में एक बार फिर आग लगने की घटना सामने आई है। महाकुंभ के सेक्टर-22 में आग लगने से कई पंडाल जल गए। हालांकि समय रहते फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया लिया है। इस घटना में कोई जन हानि की सूचना नहीं है। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। उधर, मंगलवार-बुधवार को महाकुंभ में मची भगदड़ के 24 घंटे बाद भी लोग अपनों की तलाश में लगे हुए हैं। महाकुंभ में मची भगदड़ ने कई श्रद्धालुओं को जिंदगी भर का गम दे दिया। अभी भी कई लोग ऐसे हैं जिन्हें अपने परिजनों का कोई अता-पता नहीं चला है। वे उनकी तलाश में इस अस्पताल से उस अस्पताल चक्कर काट रहे हैं।
महाकुंभ में भगदड़ के बाद प्रशासन पूरी तरह सजग है। लेकिन उसके बाद भी गुरूवार को महाकुंभ के सेक्टर-22 में आग लग गई। आग लगने की इस घटना में 15 टेंट जलकर खाक हो गए हैं। आग लगने की सूचना मिलने पर तत्काल अग्निशमन दल को सूचित किया गया। हालांकि टीम को टेंट तक पहुंचने में कठिनाई हुई क्योंकि वहां पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं था। इसके बाद भी अग्निशमन दल समय पर पहुंचा और बिना किसी बड़ी घटना के आग पर काबू पाया। बता दें कि इससे पहले भी दो बार आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। महाकुंभ मेले के सेक्टर 2 में दो कारों में आग लगने के बाद हडक़ंप मच गया था। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था और समय रहते फायर ब्रिगेड कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति पर काबू पा लिया था। इससे पहले 19 जनवरी को महाकुंभ मेले के सेक्टर 19 में एक और आगजनी की घटना हुई थी, जब एक शिविर में रखे घास-फूस में आग लग गई थी। इस घटना में करीब 18 शिविर जलकर खाक हो गए थे। हालांकि, फायर ब्रिगेड कर्मियों ने तत्परता से आग पर काबू पाया और किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई थी।
अस्पतालों के लगा रहे चक्कर
मौनी अमावस्या के स्नान से पहले महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद अभी भी कई लोग ऐसे हैं जिन्हें अपने परिजनों का कोई अता-पता नहीं है। वे उनकी तलाश में इस अस्पताल से उस अस्पताल चक्कर काट रहे हैं। महाकुंभ हादसे में किसी की मां खो गई तो किसी के चाचा-चाची। आपको बता दें कि प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन हुए हादसे में एक तरफ जहां 30 लोगों की मौत हो गई वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे भी लोग हैं जो हादसे के बाद से ही लापता हैं। अपनों की तलाश में परिजन अस्पताल दर अस्पताल भटक रहे हैं। आलम यह है प्रयागराज शहर और मेला क्षेत्र में ट्रैफिक कंट्रोल किए जाने के बाद से इन परिजनों को 15 से 20 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है। अपनों की तलाश में प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पहुंचे बिहार के सासाराम के रहने वाले द्वारिका सिंह ने बताया कि वह पत्नी, साला और दो सरहज के साथ मौनी अमावस्या का स्नान करने के लिए कुंभ पहुंचे थे। आधी रात के बाद अचानक भगदड़ हुई और उनकी पत्नी सहित सभी लोग में बिछड़ गए। द्वारिका सिंह ने भगदड़ की कहानी तो बताई ही साथ ही यह भी बताया कि अपनों की तलाश में वह किस तरह अस्पताल दर अस्पताल भटक रहे हैं। वहीं, रोहतास (बिहार) के रहने वाले दीपक कुमार की मां भी स्नान करने आई थीं, जो मेले में गुम हो गई हैं। अभी तक उनका कोई अता-पता नहीं चला है। उधर, दीपक मोबाइल में अपनी मां की फोटो दिखाकर दर-दर भटक रहे हैं और उनकी तलाश कर रहे हैं। बिहार के रहने वाले मनोज कुमार के भैया-भाभी भी मौनी अमावस्या के दिन कुंभ स्नान के लिए आए थे और अभी तक घर नहीं लौटे हैं। उनकी तलाश में मनोज कुमार प्रयागराज पहुंचे हैं और मेला क्षेत्र से लेकर अस्पताल तक ढूंढ रहे हैं। बिहार के ही अरवल के रहने वाले राहुल के चाचा भी मेले में खो गए हैं, जिनकी तलाश में राहुल प्रयागराज के अस्पतालों और मेला क्षेत्र में भटक रहे हैं। इसी तरह सीतामढ़ी के रहने वाले आदित्य रंजन सिंह के चाचा-चाची स्नान के दौरान हुई भगदड़ में खो गए, जिनकी तलाश में आदित्य जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि वह 15 से 20 किलोमीटर पैदल चल चुके हैं, मगर खोजने में सफलता नहीं मिली।
मेले में आने-जाने के रास्ते अलग किए
प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार को हुई भगदड़ के बाद गुरूवार को भीड़ कम रही। मेले में आने-जाने के रास्ते अलग कर दिए गए हैं। प्रयागराज शहर में गाडिय़ों की एंट्री पर रोक है। मेला क्षेत्र को पूरी तरह से नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है। इसके अलावा, वीवीआईपी पास भी रद्द कर दिए गए हैं। यह नियम 4 फरवरी तक लागू रहेंगे। डीजीपी प्रशांत कुमार और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह मेला क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे।
जनहित याचिका दायर
वहीं, सुप्रीम कोर्ट में भगदड़ को लेकर जनहित याचिका दायर की गई। इसमें यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग की गई है। कहा गया है कि धार्मिक आयोजनों में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस व्यवस्था बनाई जाए।