दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ के पत्र का हवाला देकर दिया जबाव
नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना के पानी के मु्द्दे पर चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दे दिया है। अपने जवाब में उन्होंने यमुना के पानी में प्रदूषण के बारे में दिए अपने बयानों को सही ठहराते हुए कई तथ्य पेश किए।
उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ के पत्र का हवाला देकर कहा कि यमुना के पानी में 7 पीपीएम अमोनिया है। यह अनुमानित सीमा से 700 प्रतिशत ज्यादा है और यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। केजरीवाल ने हरियाणा द्वारा औद्योगिक कचरे का बिना रोक-टोक छोड़ने को इसका प्रमुख कारण बताया।
केजरीवाल ने कहा कि हर व्यक्ति का स्वच्छ पानी तक पहुंच एक मौलिक मानवाधिकार है और इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाना अपराध नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा से आने वाले कच्चे पानी में अत्यधिक जहरीलापन होने के कारण दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं। इसकारण दिल्ली में साफ पानी की कमी हो रही है।
केजरीवाल ने कहा है कि यह एक सत्य तथ्य है कि दिल्ली एक निचला राज्य है, इसे पीने के पानी के लिए ऊपरी राज्य हरियाणा से कच्चा पानी मिलता है। जो बयान दिए गए थे, वे हरियाणा से आने वाले कच्चे पानी में गंभीर जहरीलापन और प्रदूषण को उजागर करने के लिए थे, जो जनता के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर और खतरा है। हाल ही में हरियाणा से मिला कच्चा पानी बहुत ही गंदा और लोगों की सेहत के लिए खतरनाक है। कच्चे पानी में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स इस जहरीले पानी को साफ करके सुरक्षित और मान्य सीमा तक लाने में सक्षम नहीं हैं। अगर ऐसा जहरीला पानी लोगों को पीने दिया गया, तब यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं और मौतों का कारण बन सकता है। दिल्ली सरकार का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि हरियाणा, जो ऊपरी नदी तटीय राज्य है, दिल्ली को इतना जहरीला पानी उपलब्ध करवा रहा है।
उन्होंने कहा कि बयान किसी भी तरह से अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ाने या राष्ट्रीय एकता के खिलाफ नहीं है। इसके विपरीत बयानों का असल उद्देश्य केवल जनहित में है, जो एक वैध नागरिक समस्या को उजागर करने के लिए है और जिसके लिए तुरंत सरकारी हस्तक्षेप की जरूरत है। केजरीवाल ने डीजेबी के सीईओ के पत्र का हवाला देकर कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ के पत्र में स्वीकार किया गया है कि हरियाणा से दिल्ली आने वाले पानी में अमोनिया का स्तर कई गुना बढ़ गया है, जो 6.5 से 7 पीपीएम तक पहुंच चुका है। पत्र में कहा गया है कि वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी से 2 पीपीएम तक अमोनिया को ट्रीट किया जा सकता है। लेकिन दिल्ली में जो पानी आ रहा है, उसमें अमोनिया का स्तर 7 पीपीएम है। पत्र में कहा गया है कि हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा ज्यादा है, क्योंकि वहां से यमुना नदी में प्रदूषक तत्व छोड़े जा रहे है। इससे यह स्पष्ट होता है कि हरियाणा से दिल्ली आने वाला पानी बहुत प्रदूषित और जहरीला है।
केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के लोगों के लिए सुरक्षित पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में सरकार की विफलताओं को उजागर करना न कानूनी रूप से गलत है और न ही संवैधानिक रूप से। सार्वजनिक जवाबदेही और प्रशासनिक पारदर्शिता लोकतांत्रिक शासन की बुनियाद हैं। अगर पानी जैसी मौलिक जरूरत को लेकर वैध सवाल उठाने को अपराध माना जाता है, तब यह एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा। केजरीवाल ने कहा कि इसतरह के गंभीर जन स्वास्थ्य संकट पर चर्चा को दबाने की कोई भी कोशिश न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ होगी, बल्कि यह नागरिकों के राज्य से समाधान की मांग करने के अधिकार का भी उल्लंघन होगा।