सुप्रीम कोर्ट में योगी सरकार का दावा
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दावा किया है कि संभल की शाही जामा मस्जिद और उसके पास स्थित विवादित कुआं सार्वजनिक भूमि पर बने हैं। राज्य सरकार का कहना है कि मस्जिद समिति इस संपत्ति पर निजी अधिकार स्थापित करने की कोशिश कर रही है।
योगी सरकार के हलफनामे के अनुसार, मस्जिद का प्रवेश द्वार के पास स्थित कुआं धार्मिक स्थल का हिस्सा नहीं है। यह कुआं लंबे समय से सभी समुदायों के लिए खुला था और 2012 में इसे ढक दिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, मस्जिद भी सरकारी जमीन पर स्थित है।
सरकार ने मामले की जांच के लिए एसडीएम, पुलिस अधिकारी और नगर पालिका के प्रतिनिधियों की तीन सदस्यीय समिति बनाई थी। निरीक्षण के बाद रिपोर्ट में बताया गया कि कुआं मस्जिद के चारदीवारी के अंदर नहीं, बल्कि बाहर है। यह सभी धर्मों के लोगों द्वारा वर्षों से उपयोग किया जाता रहा है। 1978 के दंगों के बाद कुएं के ऊपर पुलिस चौकी बनाई गई थी। सरकार ने यह भी कहा कि संभल जिले में 19 ऐतिहासिक कुओं के जीर्णोद्धार की योजना बनाई गई है, जिसमें विवादित कुएं का भी संरक्षण शामिल है। इस योजना के तहत 123.65 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
क्या है पूरा विवाद?
यह मामला तब शुरू हुआ जब स्थानीय अदालत ने मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया, जिससे विवाद बढ़ गया। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद 16वीं शताब्दी में एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। इस मुद्दे को लेकर हिंसा भी हुई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हुई थी।
मामले की सुनवाई आज
सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। अब 25 फरवरी को मामले की सुनवाई होगी, जिसमें सरकार और मस्जिद समिति के दावों पर चर्चा होगी।