:: आनंद नगर में चल रहे रामकथा महोत्सव में महामंडलेश्वर के प्रेरक आशीर्वचन ::
इन्दौर । जिस घर और परिवार में कलह है, मान लें कि वहां कलियुग आ गया है, लेकिन जिस घर में भक्ति और भगवान की चर्चा होती है, वहां धर्म का वास माना जाता है। राम चरित्र को पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। अमेरिका जैसे देश में भी बच्चों को स्कूली किताबों में राम का चरित्र इसलिए पढ़ाया जा रहा है कि एक आदर्श और सदगुणों से श्रृंगारित व्यक्तित्व से बच्चे शिक्षा और प्रेरणा ले सकें। राम चरित्र का श्रवण करना किसी संजीवनी औषधि जैसा है, जिसके सेवन से आपकी बीमारी निश्चित रूप से दूर हो जाएगी। जीवन के परम लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राम कथा को परिपूर्ण औषधि कहा गया है। परमात्मा को पवित्र भाव से ही प्राप्त किया जा सकता है, कोई पापी उन तक नहीं पहुंच सकता।
प्रख्यात मानस मनीषी महामंडलेश्वर प.पू. उत्तम स्वामी महाराज ने बुधवार को अग्रवाल संगठन नवलखा की मेजबानी में आनंद नगर खेल परिसर मैदान पर चल रहे रामकथा महोत्सव के दौरान उक्त प्रेरक विचार व्यक्त किए। कथा शुभारंभ पर राज्य के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय आदि ने राजीव बांकड़ा, सुनील बड़गोंदा, राकेश अग्रवाल, सुनील बंसल, राजेन्द्र समाधान, सुरेश रामपीपल्या, बालमुकुंद अग्रवाल, मनोज योगी, अरुण बागड़ी, आशीष अग्रवाल, पूनम गुप्ता, सुरभि अग्रवाल, निकेश मंगल के साथ व्यासपीठ का पूजन किया। यजमान समूह के दुर्गेश गर्ग, रामप्रकाश गुप्ता, प्रमुख संयोजक संदीप गोयल आटो, पार्षद मृदुल अग्रवाल एवं महिला मंडल की ओर से पिंकी गोयल, ज्योति अग्रवाल, कल्पना अग्रवाल, सुरभि गर्ग, संध्या मित्तल, मोना अग्रवाल, विभा अग्रवाल, डॉ. पिंकी गर्ग, एकता गर्ग एवं अनिता गुप्ता ने विद्वान वक्ता की अगवानी की। संत समाज की ओर से संत रामानंद और संत मंगलनाथ भी कथा शामिल हुए। संयोजक संदीप गोयल आटो ने बताया कि कथा श्रवण के लिए प्रतिदिन नवलखा, पालदा, चितावद, प्रकाश नगर, साजन नगर, आनंद नगर एवं आसपास की 50 कालोनियों के श्रद्धालु आ रहे हैं। कथा का यह प्रवाह 21 अप्रैल तक प्रतिदिन सायं 4 से 7 बजे तक जारी रहेगा।
महामंडलेश्वर प.पू. उत्तम स्वामी ने कहा कि राम के चरित्र से सीखना होगा कि एक आदर्श परिवार को कैसे चलाया और बढ़ाया जा सकता है। मनुष्य से प्रारंभ होकर अंतिम अवस्था तक राम के चरित्र में सदगुणों का इतना समावेश है कि पूरे विश्व में उसकी तुलना नहीं हो सकती। राम चरित्र का श्रवण और हमारे चरित्र में सदगुणों का संचार, दोनों ही परमात्मा की कृपा प्राप्त करने के लिए जरूरी हैं। दुनिया में हर जगह कहीं न कहीं विवाद होता ही है, लेकिन राम कथा संवाद भी स्थापित करती है और सत्संग का भी सृजन करती है। यदि घर में कलह की स्थिति बनी हुई हो तो माह में एक बार अखंड रामायण का पाठ जरूर कराएं, कलह से मुक्ति मिल सकती है।
:: मंदिर में कर रहे तीन गलतियां ::
प.पू. उत्तम स्वामी ने कहा कि हम मंदिर जाते समय तीन गलतियां कर रहे हैं, पहली, इधर-उधर रास्ते में लिखे हुए बोर्ड पढ़ते हैं, दूसरी, मंदिर पहुंचकर आंखें बंद कर लेते हैं और तीसरी हमारा आचरण भक्त के चरित्र के अनुरूप नहीं होता। भगवान के सामने जाति, धर्म, संप्रदाय को लेकर कोई भेद नहीं होता। रामकथा जीवन के लक्ष्यों को साधने का काम करती है। हमारी प्रवृत्तियों में नारायण का निवास हो, यही नर से नारायण बनने का सफर होगा। हम सर्वत्र सत्य, संयम और निर्दोष दृष्टि का भाव रखें, जीव मात्र के प्रति प्रेम और सदभाव रखें, यही परमात्मा के प्रति हमारी भक्ति का प्रमाण होगा। सतयुग में 99 प्रतिशत लोग सत्य बोलते थे, त्रेता में 75 प्रतिशत, द्वापर में 50 प्रतिशत और कलियुग में केवल 1 प्रतिशत लोग सत्य बोलते हैं। जिन्हें मंदिर जाने पर भी परमात्मा की साक्षी में बैठकर मोबाईल चलाने से फुर्सत नहीं मिलती और जो मंदिर में रहते हुए भी किसी ओर विषय पर ध्यान रखते हैं, समझ लें कि उनके हृदय में मलीनता अथवा पापाचार भरा हुआ है।
:: इन्दौर के लोग संयमित ::
प.पू. उत्तम स्वामी ने कहा कि भारत में एक वर्ष में लोग 5 लाख करोड़ रु. मूल्य की शराब पी रहे हैं। इन्दौर में भी 2-3 हजार करोड़ की शराब पी जाती है। पेट्रोल पर 1 रुपया दाम बढ़ने पर सारे देश में आंदोलन शुरू हो जाता है, लेकिन शराब के दाम बढ़ने पर आंदोलन होते नहीं देखा। इन्दौर के लोग बड़े संयमी है।