खतरनाक रूप लेता जा रहा कोरोना 24 घंटे में 10 की मौत
नई दिल्ली । देश में कोरोना एक बार फिर अपने पांव पसार रहा है। मौतों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला है। पिछले 24 घंटे में कोरोना से 10 लोगों की मौत हुई है। नए वैरिएंट से एक दिन में सबसे अधिक मौतें हुई हैं। केरल में 5, दिल्ली में 3 और महाराष्ट्र में 1 मरीज की कोरोना से मौत हुई है। जनवरी से अब तक 97 लोगों की मौत हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 7383 पहुंच गई है। केरल में सबसे अधिक एक्टिव मरीज है। यहां मरीजों की संख्या 2007 है। दूसरे नंबर पर गुजरात है। यहां एक्टिव मरीजों की संख्या 1441 है, जबकि 747 एक्टिव मरीजों की संख्या के साथ पश्चिम बंगाल तीसरे नंबर है। देश के कई राज्यों में पिछले करीब एक महीने से कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक रविवार को कुल 7383 एक्टिव मामले थे। पिछले 24 घंटे में 17 नए लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है, वहीं 10 लोगों की कोरोना से मौत हुई है।
कोविड वार्ड तैयार रखने के निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों को कोरोना को लेकर स्ह्रक्क लागू करने के निर्देश दिए हैं। सरकारी अस्पतालों को जरूरी दवाएं, पीपीई किट, जांच सुविधाएं, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू और वेंटिलेटर जैसी सुविधाओं को तैयार रखने को कहा है। केरल में सरकार ने अस्पताल में मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, जुकाम, खांसी और बुखार जैसे लक्षण वाले मरीजों का कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।
दिल्ली में एक दिन में 3 की मौत
राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस की इस नई लहर में पहली बार एक दिन में तीन लोगों की मौत हुई है। इसके साथ दिल्ली में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। मई के आखिरी के हफ्तों से देश में संक्रमण के मामलों में वृद्धि लगातार जारी है। केरल, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्य संक्रमण की इस लहर से सबसे ज्यादा प्रभावित देखे जा रहे हैं। देश में संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को फिर से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करने (मास्क, हाथों की स्वच्छता, भीड़-भाड़ में जाने से बचने) की सलाह दी है। वैसे तो फैल रहे वैरिएंट को हल्के लक्षणों वाला माना जाता रहा है पर कुछ लोगों में इसके कारण गंभीर रोग विकसित होने का खतरा भी देखा गया है।