मरीमाता से बोल बम के उदघोष के साथ बाणेश्वरी कावड़ यात्रा महेश्वर के लिए रवाना

:: आज सुबह माँ नर्मदा का दुग्धाभिषेक और चुनरी समर्पण के बाद कावड़ यात्रा शुरू होगी ::
इंदौर । मालवांचल की सबसे बड़ी बाणेश्वरी कावड़ यात्रा को आज रविवार को मरीमाता चौराहे से पुष्प वर्षा, शंख ध्वनि और बोल बम के उदघोष के बीच महेश्वर के लिए विदाई दी गई। सांसद शंकर लालवानी, मंत्री तुलसी सिलावट, भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा और कई पार्षदों ने वैदिक मंगलाचरण के बीच बाबा भोलेनाथ की झाँकियों का पूजन कर, ध्वजा फहराकर इस यात्रा को रवाना किया।
यात्रा संयोजक एवं विधायक गोलू शुक्ला ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें मनोहारी झाँकियों का अवलोकन कराया। अतिथियों ने सिद्ध विजय गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ पौधरोपण भी किया। मरीमाता चौराहा पहुँचते ही करीब 5 हजार श्रद्धालुओं का जोश देखते ही बन रहा था, जो बोल बम और हर-हर महादेव के जयघोष के साथ नाचते-गाते अपनी खुशी व्यक्त कर रहे थे।
:: महेश्वर से महाकालेश्वर तक 180 किमी की पदयात्रा ::
यात्रा प्रभारी दीपेन्द्रसिंह सोलंकी ने बताया कि सोमवार, 14 जुलाई को सुबह 7 बजे महेश्वर में मां नर्मदा का 101 लीटर दूध से अभिषेक किया जाएगा और उन्हें 1100 मीटर लंबी चुनरी समर्पित की जाएगी। देवी अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद, 180 किलोमीटर लंबी यह पदयात्रा नर्मदा का पवित्र जल लेकर उज्जैन के महाकालेश्वर के लिए प्रस्थित होगी। इसका उद्देश्य समूचे देश और प्रदेश में सुखद वर्षा और शांति-सद्भाव की प्रार्थना करना है।
कावड़ यात्रा का निर्धारित कार्यक्रम इस प्रकार है : 14 जुलाई की शाम को गुजरी, 15 को मानपुर, 16 को महू, 17 को इंदौर, 18 को रेवती रेंज, 19 को पंथ पिपलई और 20 को उज्जैन पहुंचकर रात्रि विश्राम करेगी। 21 जुलाई को सावन के दूसरे सोमवार को श्रद्धालु भगवान महाकालेश्वर का जलाभिषेक करेंगे।
यात्रा के साथ भोजन, तम्बू और अन्य आवश्यक सामग्रियों से भरे ट्रक भी रवाना किए गए हैं। तीन मनोहारी झाँकियाँ और शहर के प्रमुख भजन गायक भी यात्रा के साथ गए हैं, जो रात्रि विश्राम स्थलों पर भजन-संकीर्तन, रामायण पाठ, पौधरोपण और लव जिहाद के प्रति सनातनी समाज को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएंगे।