कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने सोमवार को शहीद दिवस रैली के मंच से भाजपा पर जोरदार हमला बोलते हुए साफ कहा, कि राज्य में एसआईआर (स्पेशल आईडेंटिफिकेशन रजिस्ट्री) जैसी कोई कवायद नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने भाजपा पर भाषाई आतंकवाद फैलाने और बंगालियों को निशाना बनाने का गंभीर आरोप लगाया।
कोलकाता के मध्य भाग में आयोजित भारी जनसमूह वाली रैली में ममता ने कहा कि बंगाली अस्मिता की रक्षा के लिए वह किसी भी हद तक जाएंगी। उन्होंने घोषणा की कि बंगालियों के खिलाफ हो रहे कथित हमलों के विरोध में 27 जुलाई से राज्य भर में भाषाई आंदोलन की शुरुआत की जाएगी और हर सप्ताहांत विरोध रैलियां निकाली जाएंगी। सीएम ममता बनर्जी ने कहा, कि हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, (हिंदी, मराठी, गुजराती) लेकिन हम बंगाली भाषा पर किसी भी प्रकार के हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे। भाजपा का मकसद बंगाल की पहचान को मिटाना है, और हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों को डिटेंशन कैंपों में रखा जा रहा है और उनके मतदाता सूची से नाम हटाए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने 2019 की घटना को याद करते हुए कहा कि भाजपा समर्थकों ने ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़कर बंगाली संस्कृति का अपमान किया था।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर तीखा हमला करते हुए ममता ने कहा, कि वह अपना राज्य नहीं संभाल पा रहे, फिर भी बंगाल के मामलों में दखल दे रहे हैं। उन्होंने सुष्मिता देव से असम में बड़े विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। रैली के अंत में ममता बनर्जी ने 2026 के विधानसभा चुनावों और केंद्र की सत्ता में बदलाव के लिए दिल्ली कूच का आह्वान करते हुए कहा, हमें और सीटें जीतनी हैं, और अंततः दिल्ली में भाजपा को हराना है।