नई दिल्ली । भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और उनकी पत्नी सुनीता द्विवेदी ने मृत्यु के बाद अंगदान करने का संकल्प लिया है। बुधवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में दोनों ने इसकी घोषणा की।
इस अवसर पर जनरल द्विवेदी ने कहा, सेना का कर्तव्य देश और समाज के कल्याण को प्राथमिकता देना है। अंगदान इसका एक तरीका है। इससे संदेश जाएगा कि एक सच्चा सैनिक मृत्यु के बाद भी मानवता की सेवा के लिए खड़ा रहता है। कार्यक्रम में बताया गया कि भारत अमेरिका के बाद अंग प्रत्यारोपण में दूसरे स्थान पर है। देश में हर साल करीब 20,000 ऑर्गन ट्रांसप्लांट होते हैं। नेशनल ऑर्गन डोनेशन और एलोकेशन प्रोग्राम में बदलाव किए गए हैं। इसके तहत महिला मरीजों और डोनर परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान सेनाध्यक्ष जनरल द्विवेदी ने युवाओं और सेना के अधिकारियों से अंगदान का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह कदम केवल चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि अंगदान को राष्ट्रीय आंदोलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।