इंदौर ने किया लोकमाता अहिल्याबाई को नमन : 230वीं पुण्यतिथि पर दिखा होलकरकालीन वैभव –

:: राजसी ठाट-बाट से निकली पालकी यात्रा, ऑपरेशन सिंदूर की झांकी बनी आकर्षण का केंद्र ::
:: 2,000 से अधिक पार्थिव शिवलिंगों का रुद्राभिषेक ::
इंदौर । पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई होलकर की 230वीं पुण्यतिथि पर शुक्रवार को उनकी राजधानी इंदौर श्रद्धा और भक्ति में डूब गई। देवी अहिल्या उत्सव समिति द्वारा आयोजित भव्य और भावपूर्ण कार्यक्रमों ने पूरे शहर में होलकरकालीन गौरव को जीवंत कर दिया। देश भर से आए श्रद्धालुओं, गणमान्य व्यक्तियों और शहरवासियों ने राजसी ठाट-बाट से निकाली गई पालकी यात्रा में हिस्सा लेकर लोकमाता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शाम को गांधी हॉल से शुरू हुई विशाल पालकी यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई राजबाड़ा पहुंची, जिसका हर जगह जोरदार स्वागत हुआ। यात्रा में होलकर स्टेट के 14 राजाओं के प्रतीक युवा और अहिल्या सेना की युवतियां पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुईं, जो यात्रा की शोभा बढ़ा रही थीं। बैंड, भजन मंडलियां, पाउल भजन, लेझिम और दिंडी के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से भक्तिमय माहौल बना दिया।
इस यात्रा का सबसे खास आकर्षण मराठी सोशल ग्रुप द्वारा बनाई गई ऑपरेशन सिंदूर की झांकी रही। यह झांकी देवी अहिल्याबाई के सामाजिक न्याय और नारी सम्मान के सिद्धांतों को दर्शा रही थी, जिसने दर्शकों के बीच एक शक्तिशाली और प्रेरणादायक संदेश प्रसारित किया।
पुण्यतिथि का आरंभ सुबह राजबाड़ा चौक स्थित देवी अहिल्याबाई की प्रतिमा पर पुष्पांजलि के साथ हुआ। इस अवसर पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी, और भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा सहित कई प्रमुख हस्तियाँ मौजूद थीं। महापौर ने नगर निगम की ओर से समिति को 5 लाख रूपये का अनुदान चेक भी भेंट किया।
:: पुलिसकर्मी संजय सांवरे को गुणीजन सम्मान ::
गांधी हॉल में आयोजित गुणीजन सम्मान समारोह में, भानपुरा मठ के शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ की गरिमामयी उपस्थिति में सेवाभावी पुलिसकर्मी संजय सांवरे को गुणीजन सम्मान से नवाजा गया। संजय सांवरे अपनी ड्यूटी के बाद 60 से अधिक बच्चों को निःशुल्क पढ़ाकर शिक्षा के प्रति अपने समर्पण की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं।
पालकी यात्रा और सम्मान समारोह के अलावा, शहर में कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इंदौर के प्राचीन इंद्रेश्वर मंदिर में रुद्राभिषेक हुआ। अण्णा महाराज की अगुवाई में दत्त माउली संस्थान द्वारा राजवाड़ा उद्यान में 2,000 से अधिक पार्थिव शिवलिंगों का रुद्राभिषेक किया गया। साथ ही, होलकर विज्ञान महाविद्यालय में भी देवी अहिल्याबाई की आरती और उनके जीवन पर आधारित व्याख्यान का आयोजन किया गया। इन सभी आयोजनों ने यह साबित कर दिया कि देवी अहिल्याबाई आज भी इंदौर और देश के करोड़ों लोगों के दिलों में बसी हुई हैं।
:: प्रमुख हस्तियों के विचार ::

  • श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा कि ऐसे भव्य आयोजन केवल इंदौर की जनता के सहयोग से ही सफल हो पाते हैं। उन्होंने देवी अहिल्याबाई को सबकी माता बताते हुए उनके परोपकारी कार्यों की सराहना की।
  • सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि मां अहिल्या का पुण्य प्रताप इंदौर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने देवी अहिल्याबाई के सुशासन के सिद्धांत को याद किया: राज्य का एक-एक पैसा और राज्य में काम करने का एक-एक क्षण, इन सब का जवाब मुझे ऊपर देना पड़ेगा, जिसे उन्होंने सार्वजनिक जीवन में काम करने वाले हर व्यक्ति के लिए एक आदर्श बताया।
  • मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि मां अहिल्या के विचारों को आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि मां अहिल्या की 300वीं जयंती पर पहली बार इंदौर के राजवाड़ा पर मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक हुई थी।
  • शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि अहिल्याबाई ने लोकहित के काम किए और स्वयं सादा जीवन जिया, कभी सिंहासन पर नहीं बैठीं।