:: निमाड़ और मालवा की अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई उड़ान ::
इन्दौर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को बदनावर के भैंसोला में देश के पहले टेक्सटाइल पार्क की आधारशिला रखेंगे। यह पीएम मित्र पार्क मालवा की मजबूत अधोसंरचना और निमाड़ के प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कपास और श्रम के सहयोग से विकसित होगा, जो फार्म से फाइबर और फैक्ट्री से फैशन फिर फॉरेन तक की अवधारणा को साकार करेगा। यह पार्क किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा, जिससे सीधे तौर पर दो लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
यह टेक्सटाइल पार्क बेहतरीन सड़क, रेल और वायु कनेक्टिविटी के साथ रणनीतिक रूप से स्थित है। बदनावर-भैंसोला से मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे और राष्ट्रीय राजमार्ग की सीधी पहुंच है, जबकि मेघनगर और रतलाम रेलवे यार्ड सिर्फ 100 किमी के दायरे में हैं। इसके अलावा, इंदौर हवाई अड्डा 120 किमी और अहमदाबाद 330 किमी की दूरी पर है। यह कनेक्टिविटी कच्चे माल और तैयार माल के परिवहन को आसान बनाएगी।
इस पार्क का सबसे बड़ा लाभ निमाड़ के कपास उत्पादक किसानों को मिलेगा। इंदौर संभाग के बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर और धार जिलों में 5 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में कपास की खेती होती है। पीएम मित्र योजना के तहत, इन किसानों के कपास को सीधे बदनावर के इस पार्क में फाइबर में बदला जाएगा, जिससे उन्हें अब तक के सबसे बेहतर अवसर मिलेंगे। यह पार्क पूरी टेक्सटाइल वैल्यू चेन को एक ही जगह पर एकीकृत करेगा।
इस परियोजना के लिए राज्य सरकार और भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं, और पीएम मित्र पार्क मध्यप्रदेश लिमिटेड नामक एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) का गठन भी हो चुका है। पार्क के इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए इंडियन कॉटन फेडरेशन, सदर्न इंडिया मिल्स एसोसिएशन और तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन जैसी प्रमुख औद्योगिक संस्थाओं के साथ भी समझौते हुए हैं।
वर्तमान में पार्क में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। 60% साइट लेवलिंग और मुख्य द्वार का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अतिरिक्त, 1.4 किमी लंबी छह लेन की संपर्क सड़क, 220 के.व्ही. की पावर लाइन और माही डैम से 20 एमएलडी जलापूर्ति जैसी परियोजनाएँ भी प्रगति पर हैं। पार्क को ग्रीन रेटिंग दिलवाने के लिए इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के साथ परामर्श भी किया जा रहा है, जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल भी बनेगा।