इंदौर में अंतर्राष्ट्रीय बधिर सप्ताह का आगाज़ : सांकेतिक भाषा पर ज़ोर

:: “सांकेतिक भाषा के बिना कोई मानवाधिकार नहीं” थीम पर जागरूकता कार्यक्रम शुरू ::
इंदौर । दिव्यांगजनों के अधिकारों के प्रति समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से इंदौर में अंतर्राष्ट्रीय बधिर सप्ताह का आयोजन शुरू हो गया है। सामाजिक न्याय विभाग द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम आगामी 28 सितंबर तक चलेगा, जिसमें कई जागरूकता गतिविधियाँ शामिल होंगी। इस वर्ष का थीम “सांकेतिक भाषा के अधिकार के बिना कोई मानवाधिकार नहीं” रखा गया है।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के संयुक्त संचालक पवन सिंह चौहान ने बताया कि सप्ताह की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के अवसर पर एक कार्यशाला के साथ हुई। यह कार्यशाला कलेक्टर कार्यालय के देवी अहिल्याबाई होलकर ऑडिटोरियम में आयोजित की गई, जिसमें सरकारी और गैर-सरकारी अधिकारियों, शिक्षकों और प्रशिक्षकों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला में उच्च शिक्षा और शिक्षा विभाग के प्रोफेसर्स, प्रिंसिपल्स और टीचर्स ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इसके अलावा, महिला एवं बाल विकास विभाग के सुपरवाइजर और जिला शिक्षा केंद्र के सलाहकार भी मौजूद रहे। मूक-बधिर संगठन की सूचि पेट्रिक ने एक प्रस्तुति दी और सांकेतिक भाषा का अनुवाद किया। सुनील पाटीदार और यश पेट्रिक ने भी सांकेतिक भाषा के महत्व के बारे में जानकारी दी।
इस सप्ताह के दौरान, श्रवणबाधित दिव्यांगता के क्षेत्र में काम करने वाली सभी संस्थाएँ अपने-अपने स्तर पर जागरूकता फैलाने का काम करेंगी। कार्यशाला की अध्यक्षता अपर कलेक्टर निशा डामोर ने की, जबकि आभार प्रदर्शन सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त संचालक पवन सिंह चौहान ने किया।