मुंबई । केंद्र की मोदी सरकार की बुलेट ट्रेन सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। भारत का पहला 508 किलोमीटर लंबा बुलेट ट्रेन कॉरिडोर मुंबई और अहमदाबाद के बीच बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का परीक्षण 2026 में शुरू होने वाला है। बुलेट ट्रेन पर काम युद्धस्तर पर चल रहा है। बुलेट ट्रेन परियोजना के कारण महाराष्ट्र के ठाणे स्टेशन को एक अलग पहचान मिलेगी। जी हाँ, मुंबई से सटा ठाणे स्टेशन बुलेट ट्रेन, रेलवे, मेट्रो, सड़क, जलमार्ग और सीधे हवाई अड्डे से जुड़ने वाला भारत का एकमात्र स्टेशन होगा। ठाणे में भारत की सर्वोत्तम परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। आपको बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना में कुल 12 स्टेशन हैं। इनमें से चार महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, विरार और बोईसर में हैं। इन स्टेशन क्षेत्रों का नियोजित विकास प्रस्तावित है। भारत सरकार, जापान सरकार और राज्य सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। ठाणे और विरार स्टेशन क्षेत्रों के लिए नियोजित विकास योजनाएँ स्थानीय महानगर पालिकाओं, जापान सरकार के प्रतिनिधियों, जेआईसीए और शहरी विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की जा रही हैं। सभी हितधारकों को योजना प्रक्रिया में शामिल करने और उनकी अपेक्षाओं को समझने के लिए इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया था।
ठाणे महानगरपालिका आयुक्त सौरभ राव की अध्यक्षता में शहरी विकास विभाग ने केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय, रेल मंत्रालय और राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड के मार्गदर्शन में इस संगोष्ठी का समन्वय किया। केंद्र सरकार के शहरी नियोजन संगठन, जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए), शहरी नियोजन और मूल्यांकन विभाग, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली और वसई-विरार महानगरपालिकाओं के साथ-साथ बिल्डरों, आर्किटेक्टों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। हाई-स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) परियोजना से वित्तीय निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। ठाणे स्टेशन समर्पित सड़कों के माध्यम से बुलेट ट्रेन, रेलवे, मेट्रो, आंतरिक मेट्रो, बस, जेटी (जलमार्ग), कैब-रिक्शा स्टेशन के साथ-साथ आसपास के सभी प्रमुख राजमार्गों और हवाई अड्डों से जुड़ जाएगा। यानि ठाणे सभी परिवहन सुविधाओं का जंक्शन बन जाएगा। राज्य में हाई-स्पीड रेलवे स्टेशन क्षेत्र के विकास के लिए सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। इसमें शहर में आमूल-चूल परिवर्तन लाने की क्षमता है।
इस संदर्भ में, स्टेशन क्षेत्र के विकास की दिशा निर्धारित करने हेतु केंद्र सरकार, राज्य सरकार, गुजरात सरकार, जापान सरकार, स्थानीय महानगर पालिकाओं और संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ ठाणे में एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। हाई-स्पीड रेलवे स्टेशन क्षेत्र के नियोजित विकास से करोड़ों रुपये का निवेश आकर्षित होगा और बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे। इस मार्ग पर ठाणे में स्टेशन क्षेत्र का विकास करते समय, 25 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र हरित क्षेत्रों के लिए आरक्षित किया जाएगा। ठाणे हाई-स्पीड स्टेशन भारत का पहला मल्टीमॉडल एकीकृत स्टेशन होगा। यह बुलेट ट्रेन, रेलवे, मेट्रो, आंतरिक मेट्रो, बस स्टेशन, जेटी (जलमार्ग), कैब-रिक्शा स्टेशन के साथ-साथ आसपास के सभी प्रमुख राजमार्गों और समर्पित सड़कों के माध्यम से हवाई अड्डे से जुड़ा होगा। आम आदमी को सभी सार्वजनिक परिवहन सुविधाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। मनपा आयुक्त राव ने स्पष्ट किया कि ये सभी सुविधाएँ बहुत ही योजनाबद्ध और पूरक तरीके से आपस में जुड़ी होंगी।
दरअसल हाई-स्पीड रेलवे स्टेशन क्षेत्र के विकास के लिए रणनीतिक विकास कार्य प्रगति पर है। इस सेमिनार के विषयों, चुनौतियों और अवसरों पर विचार-मंथन के लिए यह सेमिनार आयोजित किया गया था। सेमिनार की प्रकृति की व्याख्या करते हुए, अतिरिक्त मुख्य सचिव (नगर विकास विभाग) असीम गुप्ता ने कहा कि यह आवश्यक है ताकि नागरिकों को परियोजना का लाभ मिले और राज्य का यह क्षेत्र परिवहन-केंद्रित तरीके से विकसित हो। नगर विकास एवं मूल्यांकन विभाग के निदेशक जितेंद्र भोपले ने हाई-स्पीड रेलवे के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों के संबंध में राज्य की स्थिति प्रस्तुत की। भोपले ने कहा कि बीकेसी, ठाणे, विरार और बोईसर के स्टेशन क्षेत्रों की योजना बनाई जा रही है। इससे नियोजन का एक अच्छा मॉडल तैयार होगा।