(इंदौर) 16 से 22 दिसंबर तक गीता जयंती महोत्सव : जाने-माने 50 से अधिक संत-विद्वान आएंगे (13पीआर01एएन)

इंदौर, 13 दिसंबर (ईएमएस)। मालवांचल के प्रसिद्ध आस्था केंद्र, मनोरमागंज स्थित गीता भवन पर सात दिवसीय 61वें अ.भा. गीता जयंती महोत्सव का आयोजन 16 से 22 दिसंबर तक किया जा रहा है। देश में एकमात्र गीता भवन ही ऐसा स्थान है जहां लगातार 60 वर्षों से यह महोत्सव मनाया जा रहा है। अब 61वें अ.भा. गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ रविवार 16 दिसंबर को पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सान्निध्य एवं अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज की अध्यक्षता में प्रातः 10 बजे शंख-ध्वनि एवं वैदिक मंगलाचरण के साथ होगा। देश के जाने-माने 50 से अधिक आचार्य, संत, महामंडलेश्वर एवं विद्वतजन प्रतिदिन सुबह 8 से 12.30 एवं दोपहर 2 से 6.30 बजे तक महोत्सव के दौरान अपने प्रवचनों की अमृतवर्षा करेंगे। संत विद्वानों के आगमन का सिलसिला शुरू हो चुका है।
गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपालदास मित्तल, मंत्री राम ऐरन, सत्संग समिति के संयोजक रामविलास राठी एवं संरक्षक ट्रस्टी बनवारीलाल जाजू ने पत्रकारों को बताया कि महोत्सव में जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज, वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती, इलाहाबाद के पं. जयशंकर शास्त्री, हरिद्वार के स्वामी प्रकाश मुनि, गोपाल मुनि एवं स्वामी सर्वेश चैतन्य महाराज, जोधपुर के संत हरिराम शास्त्री, उज्जैन के स्वामी असंगानंद एवं स्वामी वितरागानंद, पानीपत के स्वामी दिव्यानंद एवं गोंडा यूपी के पं. प्रहलाद मिश्र रामायणी सातों दिन अर्थात 16 से 22 दिसंबर तक गीताभवन में प्रतिदिन अपना सान्निध्य प्रदान करेंगे। इनके अलावा जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती 20 एवं 21 दिसंबर को, सूरत से गोस्वामी वल्लभराय महाराज 16 एवं 17 दिसंबर को, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी पुण्यानंद गिरि 18 दिसंबर को, राधा भाव जागृति मिशन नई दिल्ली के स्वामी देवमित्रानंद गिरि 16 से 18 दिसंबर तक, नाथद्वारा के विट्ठलनाथ मंदिर के प्रमुख स्वामी श्रीवागधीश्वर बाबाश्री 19 दिसंबर को, गोवर्धननाथ मंदिर इंदौर के गोस्वामी दिव्येशकुमार महाराज 18 दिसंबर को, गोधरा की स्वामी परमानंदा सरस्वती 19 दिसंबर को, गोराकुंड रामद्वारा के संत अमृतराम 18 दिसंबर को, उज्जैन के जीवन प्रबंधन गुरू पं. विजयशंकर मेहता 21 दिसंबर को, अरविंद सोसायटी पांडीचेरी उज्जैन शाखा के चेयरमेन पं. विभाष उपाध्याय 17 दिसंबर को, अखंड धाम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप 16 दिसंबर को, वेदांत आश्रम के वेदांताचार्य स्वामी आत्मानंद महाराज 19 दिसंबर को, रामकृष्ण मिशन इंदौर के सचिव स्वामी निर्विकारानंद महाराज 19 दिसंबर को, चित्तौड़गढ़ के संत दिग्विजयराम रामस्नेही 18 एवं 19 दिसंबर को, चित्रकूट के पं. महेंद्र मिश्र मानसमणि 16 एवं 17 दिसंबर को, अजमेर की साध्वी अनादि सरस्वती 16 से 18 दिसंबर तक गीता जयंती महोत्सव में अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे। अन्य प्रमुख संतों मंे मंदसौर के संत रामनिवास महाराज, नैमिषारण्य के स्वामी पुरूषोत्तमानंद सरस्वती, वृंदावन के पं. रामज्ञान पांडे, डाकोर के स्वामी देवकीनंदनदास, जोधपुर के जूना रामद्वारा के संत रामशरण रामस्नेही भी गीता जयंती महोत्सव में सातों दिन मालवांचल के भक्तों को सान्निध्य प्रदान करेंगे। शहर के प्रमुख धर्मस्थलों के संतों में श्री श्रीविद्याधाम के महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती, अन्नपूर्णा आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि, चिन्मय मिशन इंदौर के स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती, सुदामा नगर के स्वामी आत्मानंद सरस्वती, छावनी रामद्वारा के संत रामस्वरूप रामस्नेही तथा पं. रसिक बिहारी भी महोत्सव में शामिल होंगे।
ट्रस्ट मंडल के सोमनाथ कोहली, महेशचंद्र शास्त्री, प्रेमचंद गोयल एवं रामचंद्र राजवानी ने बताया कि गीता जयंती का मुख्य पर्व मोक्षदा एकादशी पर मंगलवार 18 दिसंबर को मनाया जाएगा जिसमें प्रातः 8 बजे से देश के जाने-माने संत-विद्वानों के सान्निध्य में हजारों श्रद्धालु श्रीमद भगवत गीता के 18 अध्यायों का सामूहिक पाठ करेंगे। गीता जयंती के साथ प्रतिदिन प्रातः 8 से 12 एवं दोप. 2 से 6 बजे तक सात दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ भी आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में होगा।
(उमेश/अर्चना पारखी)
संलग्न चित्र क्रमानुसार – 1. जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंदजी 2. जगदगुरू स्वामी रामदयालजी, 3. जगदगुरू स्वामी वल्लभराय महाराज, 4. निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी पुण्यानंद गिरि, 5. राधाभाव जागृति मिशन नई दिल्ली के स्वामी देवमित्रानंद गिरि।