हो सकती है छह प्रत्याशियों पर एफआईआर
भोपाल (ईएमएस)। विधानसभा चुनाव के दौरान किए खर्च का ब्यौरा देने के लिए प्रत्याशियों को तीन मौके दिए, इसके बावजूद चुनावी ख्रर्च का ब्यौरा नहीं दिया गया। ऐसे छह प्रत्याशियों को खिलाफ एफआईआर कराने की तैयारी चल रही है। राजधानी
भोपाल की सात विधानसभा क्षेत्रों के कुल 111 में से 6 प्रत्याशी ऐसे सामने आए हैं, जिन्होंने भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद भी चुनावी खर्च का हिसाब देना उचित नहीं समझा है। इसमें एक-एक उम्मीदवार शिवसेना व राष्ट्रीय जन आवाज पार्टी का है तथा चार उम्मीदवार निर्दलीय हैं। खास बात तो यह है कि यह छह उम्मीदवार दो विधानसभा क्षेत्रों नरेला व भोपाल दक्षिण -पश्चिम के हैं। इधर जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सुदाम पी. खाडे के निर्देश पर दोनों विधानसभा क्षेत्रों के रिटर्निंग ऑफिसरों ने इन प्रत्याशियों को नोटिस थमा दिए हैं। सूत्रों की माने तो इन उम्मीदवारों को मतदान से पहले तीन बार चुनावी खर्च का हिसाब देने का मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने जमा नहीं किया। अब इन पर एफआईआर दर्ज होना लगभग तय माना जा रहा है। जिला निर्वाचन कार्यालय की माने तो बेवजह किसी प्रत्याशी पर एफआईआर नहीं कराई जाएगी, बल्कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार ही कार्रवाई होगी।
व्यय प्रेक्षकों को जिम्मेदारी दी गई थी कि वे प्रत्याशियों के चुनावी खर्च पर हिसाब रखेंगे। हालात यह है कि सातों विधानसभाओं में से चार विधानसभा के प्रेक्षकों ने ही अपनी जिम्मेदारी सही से निभाई, जबकि तीन विधानसभा नरेला, भोपाल दक्षिण-पश्चिम व भोपाल मध्य के प्रेक्षकों ने यह जिम्मेदारी सही से नहीं निभाई। कुछ उम्मीदवारों के चुनावी खर्च का हिसाब तक नहीं रखा गया। उन्होंने केवल भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा व आप जैसी पार्टियों के उम्मीदवारों का ही हिसाब रखा, जबकि निर्दलीय क्या कर रहे हैँ उन्होंने इस पर निगाह तक नहीं रखीं। चुनावी खर्च जोड़ना तो दूर की बात है। जिन प्रत्याशियों पर कार्रवाई हो सकती है उनमें राजधानी की नरेला विधानसभा सीट से हरीश गुप्ता (निर्दलीय), संतोष कुरेले (निर्दलीय), और रवि सोनी (निर्दलीय) प्रत्याशी शामिल है। इसी तरह भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा से वकील राजकुमार पाण्डे (शिवसेना), दिनेश कुमार कौरव (राष्ट्रीय जन आवाज पार्टी) और काजी मुहम्मद युसूफ जमेई (निर्दलीय) प्रत्याशी शामिल है।
सुदामा/18दिसंबर2018