छोटे किसानों और कारीगरों की ऋणमाफी योजना पर शुरू हो गया काम

नई दिल्ली । देश में छोटी इंडस्ट्री, छोटे किसानों और कारीगरों की ऋणमाफी योजना पर सरकार गंभीर है और इस काम प्रारंभ हो गया है, जिसे लागू करने के लिए अगली सरकार के सामने पेश किया जाएगा। कंपनी मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने बताया, ‘इस कर्जमाफी योजना का लाभ छोटे किसानों, कारीगरों, माइक्रो एंटरप्राइजेज या अन्य लोगों को मिलेगा।’ उन्होंने बताया, ‘यह देश के गरीबों के लिए कर्जमाफी योजना होगी।’ इस पर कंपनी मामलों का मंत्रालय काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) यानी दिवाला कानून में जिन बदलावों पर विचार किया जा रहा है, उनमें से यह एक अहम पहलू होगा। श्रीनिवास ने बताया कि अभी दिवाला कानून में छोटे कर्जदारों के लिए अलग नियम नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस कानून के पर्सनल इनसॉल्वेंसी चैप्टर में भी बदलाव की जरूरत है। कंपनी मामलों के सचिव ने बताया, ‘कई ऐसे कर्जदार हैं, जो गरीब हैं। उनके लिए मौजूदा कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रॉसेस बहुत सख्त है। इस कानून के दायरे में करोड़ों लोग आ रहे हैं और कोई भी व्यवस्था इतनी बड़ी संख्या में केस का निपटारा नहीं कर सकती।’ कंपनी मामलों के मंत्रालय को भरोसा है कि वह इस योजना को तीन महीने में तैयार कर लेगा। श्रीनिवास ने बताया कि इसलिए अगली सरकार के सामने इसे लागू करने के लिए पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (आईबीबीआई) के तहत इस कर्जमाफी के लिए ऑनलाइन व्यवस्था बनाई जा सकती है। कर्जमाफी के आवेदनों को देखने और उन पर फैसला करने के लिए एक अलग टीम बनाई जा सकती है।
श्रीनिवास ने कहा, ‘हम आईबीबीआई के तहत पर्सनल इनसॉल्वेंसी सेल या डिवीजन बना सकते हैं जो सिर्फ ऐसे मामलों को देखेगी। कर्जमाफी की खातिर आवेदन करने वाले शख्स को साबित करना होगा कि उसकी आमदनी और संपत्ति एक तय सीमा से कम है तो उसे इसका फायदा मिलेगा। इससे वह शख्स नई शुरुआत कर पाएगा।’ श्रीनिवास ने कहा, ‘अगर कोई इस योजना का लाभ नहीं लेना चाहता तो उसे इसकी आजादी दी जाएगी। असल में कर्जमाफी से संबंधित शख्स की साख पर बट्टा लगेगा और भविष्य में उसे कर्ज मिलने में दिक्कत भी हो सकती है। इसलिए हम यह विकल्प योजना में रखेंगे।’ एक तय आमदनी और संपत्ति रखने वाले शख्स को इसका लाभ मिलेगा। इसके लिए सालाना आमदनी की सीमा 60,000 रुपये या उससे कम, बकाया कर्ज 35,000 या उससे कम और 20,000 रुपये की तक की संपत्ति की शर्त रखी जा सकती है। श्रीनिवास ने बताया कि इस स्कीम पर 20,000 करोड़ से अधिक की लागत नहीं आएगी, जबकि इससे लाखों-करोड़ की संख्या में लोगों को फायदा मिलेगा।