रायपुर 14 मई(वार्ता)छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आदिवासियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की समीक्षा के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने प्रत्येक प्रकरणों की उसके गुणदोषों के आधार पर समीक्षा कर न्यायोचित कार्यवाही समयबद्ध कार्य योजना के तहत करने का निर्णय लिया हैं।
राज्य सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायमूर्ति ए.के.पटनायक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा कल यहां हुई बैठक में यह निर्णय़ लिया गया।समिति द्वारा बस्तर-रेंज के 07 जिलों तथा राजनॉदगांव को मिलाकर कुल 08 नक्सल प्रभावित जिलों में आदिवासियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की समीक्षा की गई, साथ ही प्रकरणों में न्यायालयीन कार्यवाही की स्थिति संबंधी जानकारी का भी आवलोकन किया गया।
समिति द्वारा नक्सल घटना से संबंधित प्रकरणों में कार्यवाही हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक सुंदरराज पी. भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं एवं स्थानीय विशेष अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों में कार्यवाही हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक संजीव शुक्ला, आबकारी अधिनियम से संबंधित प्रकरणों में कार्यवाही हेतु सचिव-आयुक्त, आबकारी विभाग तथा आवश्यक समन्वय हेतु सचिव आदिम जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया।
इस बैठक में छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता कनक तिवारी, पुलिस महानिदेशक डी.एम.अवस्थी सहित पुलिस विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।राज्य की भूपेश सरकार ने गत दिसम्बर में सत्ता में आने के बाद आदिवासियों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों की समीक्षा करने एवं उन्हे वापस लेने का निर्णय लिया था।इसके लिए न्यायमूर्ति श्री पटनायक की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है।