सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन के कटु यथार्थ को व्यंजित करते ‘दीमक लगे गुलाब’

(प्रियंका ‘सौरभ’ का ग्लोबल ज़माने की लोकल कविताओं का संग्रह; अमेज़न, फ्लिपकार्ट और अन्य ऑनलाइन मंचों…

चिड़िया उदास

लघुकथा        सुबह-सुबह एक चिड़िया चीं चीं  करने की बजाए  उदास बैठी थी।एक  दूसरी चिड़िया उसके पास…

फ्रेंड रिक्वेस्ट

“पता है इतने वरिष्ठ लेखक ने मुझे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी।”  वो अपनी बात शुरू ही करने…

फालतू सोच

      ‘अजी सुनते हो!’ कहते हुए कुमुद अपने पति से  बोली, ‘पता है हमारे पड़ोस में मिस्टर…

जड़ से उखड़े

फ्लैट की बालकनी से  गिरिजा जी देख रहीं थीं,सामने मैदान में बड़े बड़े पेड़ों को जड़…

दोहन”

प्रभु लाज रखो मेरी,  हाथ जोडे निरीह आंखे बंद आंसुओं की धार  एक अबला,   कृष्ण…

नये पिता

वह एक बहुत बड़ा हाॅल था, जिसकी ऊँची छत पर जगमगाता हुआ एक विशाल झूमर, काफ़ी…

भेड़िया

शहर से कुछ दूर एक छोटा सा गाँव था।गाँव बहुत संपन्न तो नहीं था पर लोग…

उर्दू के एक निडर और बहादुर सिपाही जोश मलिहाबादी

          शब्बीर हसन खान, जो जोश मलिहाबादी के नाम से लोकप्रिय हैं। उनका जन्म 5 दिसंबर, 1898…

भागीदारी

प्रतिदिन की तरह, आदतन रवि आज भी अपनी अम्मा और बाबा के चरण स्पर्श करने के…