एग्जिट पोल कभी सही और कभी पूरे गलत

नई दिल्ली एग्जिट पोल मतदान के बाद सामने आते हैं।लोकसभा चुनाव के मतदान के अंतिम चरण के बाद एग्जिट पोल सामने आएंगे।यह एग्जिट पोल कभी सही साबित होते हैं और कभी पूरी तरह गलत साबित होते हैं। इनकी विश्वसनीयता पर हमेशा प्रश्नचिन्ह लगा रहता है। अब तो यह माने जाने लगा है,कि पिछले 5 वर्षों में जो भी एग्जिट पोल आए हैं। उस पर भाजपा का दबाव स्पष्ट रुप से दिखा है। जिसके कारण बहुत सारे एग्जिट पोल मतगणना के बाद गलत साबित हुए हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को 340 सीटें मिलने की भविष्यवाणी चाणक्य न्यूज़ 24 ने की थी। एनडीए को 336 सीटें मिली थी। उस समय इसका एग्जिट पोल लगभग लगभग सही रहा।
उसके बाद से हर एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल में भारतीय जनता पार्टी को आगे बताने का काम किया गया। दिल्ली और बिहार विधानसभा के चुनाव में यह ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल, बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए।2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में इंडिया टीवी, सी वोटर ने भाजपा को 25 से 33, इंडिया टुडे ने 19 से 27, एबीपी ने 26, टुडे चाणक्य ने 22 और न्यूज़ नेशन ने 23 से 27 सीटें भाजपा को मिलने की भविष्यवाणी की थी। लेकिन चुनाव परिणाम आने पर केवल 3 सीटें भाजपा को मिली।
इसी तरह बिहार के 2015 के विधानसभा चुनाव में सारे चैनल राजद और जदयू गठबंधन और एनडीए के बीच कड़ा मुकाबला दिखा रहे थे। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 108 से लेकर 155 सीटें दी जा रही थी। किंतु जब चुनाव परिणाम घोषित हुए, तो एनडीए गठबंधन को मात्र 59 सीटों पर विजय मिली। बिहार विधानसभा के एग्जिट पोल पूरी तरह फ्लॉप साबित हुए।
यही ट्रेंड पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान भी दिखा। छत्तीसगढ़ का एग्जिट पोल बुरी तरह फ्लॉप साबित हुआ।इस चुनाव में भाजपा का सूपड़ा बुरी तरह साफ हुआ। उसे मात्र 15 सीटें मिली। लेकिन कई चैनल एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी को जीत दिला रहे थे। एबीपी न्यूज़ अपने एग्जिट पोल में भाजपा को 52 सीटें दे रहा था। टाइम्स नाउ 46 सीट रहा था। न्यूज़ 18 के हिसाब से 46 सीटें मिल रही थी। लेकिन जब चुनाव परिणाम आए, तो भाजपा को मात्र 15 सीटें मिली। छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत की कांग्रेस की सरकार बनी।
मध्य प्रदेश के एग्जिट पोल में टाइम्स नाउ न्यूज़ नेशन रिपब्लिक टीवी और न्यूज़ 18 भाजपा को बहुमत दिलाने का अनुमान दिया था। किंतु यहां पर कांग्रेस को बहुमत प्राप्त हुआ, और कांग्रेश सरकार बनाने में सफल रही। एग्जिट पोल फ्लॉप साबित हुए।
राजस्थान में जरूर कांग्रेस की सरकार बनने का ट्रेंड दिखाया गया था। किंतु इसमें भी सही आकलन नहीं हुआ।कांग्रेस 99 सीटों पर रुक गई। कई चैनलों ने कांग्रेस को 145 सीट मिलने का दावा किया था।
2019 के लोकसभा चुनाव में ओपिनियन पोल में भाजपा का दबदबा बताने वाले एजेंसियों की कमी नहीं रही।8 अप्रैल को टाइम्स नाउ ने अपने सर्वे में एनडीए को 279 सीटें दी है। अप्रैल माह में इंडिया टीवी ने 275 सीटें एनडीए गठबंधन को मिलने का दावा किया था। अप्रैल माह में ही रिपब्लिक टीवी के हिंदी चैनल रिपब्लिक भारत में भाजपा को अकेले 264 और एनडीए को 310 सीटें मिलने का दावा किया था। इंडिया टीवी ने मार्च में एनडीए को 285 सीटें मिलने का दावा किया। जाहिर है पिछले 5 वर्षों में जितने एग्जिट और ओपिनियन पोल सामने आए हैं। उसमें कहीं ना कहीं से भाजपा का दबदबा बताने की कोशिश की गई।जिसके कारण सर्वे एजेंसियों की विश्वसनीयता बड़ी तेजी के साथ खत्म हुई है। आज जो एग्जिट पोल दिखाए जा रहे हैं। वह कितने सही होंगे, इसका पता 23 मई को मतगणना के बाद ही पता चलेगा। एग्जिट पोल का विश्वास अब आम लोगों के बीच में नहीं रहा। परिणाम घोषित होने तक मतदाताओं को लड़का होगा या लड़की होगी की तर्ज पर संभावनाओं पर अपनी अपनी राय रखने का अवसर जरूर मिलेगा।
एसजे/गोविन्द/19मई