कुंभलगढ़ अभयारण्य में गूंजेगी टाइगर की दहाड़

जयपुर। प्रदेश में जल्द ही एक और बाघ पुनस्थापित योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा मेवाड अंचल के कुंभलगढ में बाघों के संरक्षण के लिए टाइगर रिजर्व सेंटर स्थापित किया जाएगा राज्य का यह चौथा टाइगर रिजर्व सेंटर होगा। रणथम्भौर अभयारण्य से बाघों को वहां भेजा जाएगा इससे पूर्व वहां बाघों के भोजन के लिए प्री बेस को बढाया जा रहा है। इसमें करीब 2 हजार हिरण, चितल, सांभर आदि को छोडा जाएगा। इससे बाघों को जंगल छोडकर शहर की ओर न जाना पडे पैथर, भालू, भेडिया, जरख, सियार, लोमडी, सांभर, चीतल चिंकारा आदि को लाया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि प्री बेस को बढाया जा सकता है गांवो का विस्थापन एक समस्या रहती है जिसे भी समझाइश के साथ विस्थापन किया जा सकता है शुरूआत में टाइगर को एनक्लोजर में रखा जा सकता है एवं बाद में हार्ड रिलीज किया जा सकता है। अरिंदम तोमर चीफ वाइल्ड लाइन वार्डन वन विभाग जयपुर का कहना है कि कुंभलगढ बाघ पुनस्थार्पित योजना को मूर्तरूप दिया जा रहा है इसके प्रस्ताव सरकार को भेज दिए गए है जल्द ही इसे शुरू किया जाएगा।
अशोक शर्मा/ 5 बजे/ 19 मई , 2019