अपने दर्द ए गम का मान रखना
होठों में सदा मुस्कान रखना
आंधी तूफ़ान भी आएंगे
स्वप्न सभी उड़ जायेंगे
सुख दुख के सभी खेल यहां
कुछ संग मिले बेमेल यहां
फिर भी जीवन पथ पर चलना
कभी न रुकना कभी न रुकना
जो ठहरा बंजर हो जाएगा
जो चला समंदर तक जाएगा
एक दिन अपने ठुकराएंगे
फिर एक दिन गले लगाएंगे
रंग बिरंगी यह दुनिया
देख रोएंगी आखियां
अखियों के आंसू पोछ लेना
मन में फिर यह सोच लेना
होठों पे अगर मुस्कान होगी
तभी तेरी कुछ शान होगी
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
~ नीलम यादव एहसास
चित्रकूट, उत्तर प्रदेश