माध्यमिक शिक्षा
सेवा चयन- बोर्ड के
नाट्य मंच पर
साक्षात्कार का नाटक
चल रहा था
आकाश के सितारों सदृश
विषय – विशेषज्ञ
महोदयों की टाई चमक रही थीं
हिंदी प्रवक्ता पद हेतु मैं भी
भाग्य आजमाने जा पहुंचा था
मुझे देखते ही एक ने
कुटिल मुस्कान में कहा
भाई!
यह राशन की दुकान नहीं है
यहां तो तराजू के पलड़े पर प्रतिभाओं
एवं दक्षताओ की नोटों से तौलाई हो रही है
स्वयं साक्षात्कार कक्ष में
वृहस्पति अपने अपने उम्मीदवारों के
रिक्त मस्तक पर
गुरुता का किरीट गढ़वा रहे हैं
उनके वलिष्ठ देह पर चांद का
कुर्ता सिलवा रहे हैं
मैंने कहा नहीं भाई !
नीलामी के इस खेल में
पीतल व्यापारियों के सेल में
दुर्व्यस्थाओं के इस केलि में
जगत के इस ठेल में मैं शिक्षक
ना ही बनूं तो अच्छा है
क्योंकि इस शब्द की
और धज्जियां उड़ते
नहीं सुन सकता हूं
और महर्षि वाल्मीकि कबीर
सूर तुलसी की अर्थियां उठते
नहीं देख सकता हूं
नहीं देख सकता हूं ।
डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र
वरिष्ठ प्रवक्ता हिंदी
केन्द्रीय विद्यालय इफको
फूलपुर प्रयागराज