आज तुझ पर गीत लिखूँ
तुझकों मेरा मनमीत लिखूँ
शब्दों से प्यार जताकर
तेरे संग अपना नाम लिखूँ।
तुम मेरी जीत अपनी हार लिखूँ
तेरे संग अपने ख्वाब लिखूँ
कितना सतरंगी प्यार है तेरा
तेरे संग अपनी प्रीत लिखूँ।
तुझकों अपना जीवन धार लिखूँ
बावरे मन का प्रेमी लिखूँ
तुम मेरे बस मेरे ही हो
आज तुम पर कोई गीत लिखूँ।
गरिमा राकेश गौत्तम
कोटा राजस्थान