लव कुश के
मन में गहरा
आक्रोश रहा होगा।
तभी राम के
सन्मुख आकर
युद्ध लड़ा होगा।।
लव कुश के तन
मां सीता की
व्यथा समाई थी।
यही व्यथा
ज्वाला बन रण में
सन्मुख आई थी।
लव कुश से
लड़ने सन्मुख
अन्याय खड़ा होगा।
भरत शत्रुघ्न
और लखन ने
ताप सहा होगा।।
लिए दुखों का
भार अयोध्या
लौट तो आई हैं।
गम में
धरती फटी
जानकी भूमि समाई हैं।
कहने को
क्या बचा
रमापति मौन रहा होगा।।
लव कुश ने
कैसे यह
गम दुर्दांत सहा होगा।।
तभी राम के
सन्मुख आकर
युद्ध लड़ा होगा।।
# शिवचरण चौहान
कानपुर