मंत्री पद पाते हैं नेता जी
और पार्टी बतलाती है उनकी जाति
करती है घोषणा कि
हमने बनाया फलां फलां जातियों से मंत्री
फलां से कैबिनेट मंत्री,
फलां से राज्य मंत्री
ऐलान करती है डंके की चोट पर
कि पहले क्या कभी इतने मंत्री थे?
इस जाति से, वंचित समुदाय से
नेता जी पाकर मंत्री पद
होते हैं लहालोट
मानो हों वे सातवें आसमान पर
हवा के घोड़े पर सवार
उनको सूझता ही नहीं कि
दें किसको धन्यवाद
पार्टी के हाईकमान को
या फिर संविधान को
या बाबा साहेब के अरमान को
पर हवा निकलते देर नहीं लगती
जब नेता जी का मंत्री पद
बन जाता है एक औजार
होता कहीं देश में जातीय उत्पीड़न
मंत्री जी द्वारा राज्य सरकार को
दिलाया जाता है क्लीन चिट
अपनी पार्टी की नीति को
बतलाते है पाक साफ
दलित, बचितों, पिछड़ों,महिलाओं का हितकारी
यही नहीं
घिरे अपने चापलूसों से
वे कभी पूछते नहीं उनसे
कि ये जो सम्मान समारोह का
किया है तुमलोगाें ने आयोजन
बनाया है तुमने मुझे मुख्य अतिथि
उसमें हमारे लोग कहां है?
— संतोष पटेल
नई दिल्ली