दीपोत्सव=दीपों का पर्व। पांच दिवसीय यह पर्व प्रभु श्री राम का युद्ध विजय के पश्चात, अयोध्या जी आगमन पर मनाया जाने वाला पर्व है। यह पर्व पूरे भारत ही नहीं बल्कि भगवान श्रीराम ने आस्था रखने वालों द्वारा संपूर्ण विश्व में मनाया जाने वाला पर्व है।
भारत भूमि देवों की भूमि है यहां तो हर प्राणी में भगवान विद्यमान है, ऐसा माना जाता है। अगर सूक्ष्मता से देखा जाए तो यह हमें दैनिक जीवन में दिखाई भी पड़ता है जब किसी को कोई कष्ट होता है या सहायता की आवश्यकता होती है, तब वह सर्वशक्तिमान ईश्वर से ही प्रार्थना करता है, और जब उसे ऐसी सहायता प्राप्त हो जाती है, तो वह सहायता देने वाले में, भगवान का रूप देखता है, तथा सहायता करने वाला भी परम संतुष्टि को प्राप्त करता है।
प्रभु ने आपको यदि किसी प्रकार सक्षम बनाया है तो वह आपके माध्यम से अपनी कृपा दीन हीन लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं। समाज के वंचित गरीब व असंम्पन्न जन एवं असहाय प्राणी, आपके माध्यम से प्रभु की कृपा (जो विभिन्न प्रकार की हो सकती है) प्राप्त करने के अधिकारी हैं। आप प्रभु के चुने हुए माध्यम बनना चाहते हैं या अवरोध, यह आपका स्वयं का चुनाव है।
दीपावली के पर्व पर आप सहायता के माध्यम बने, किसी वंचित गरीब और संपन्न जन की दीपावली मनाने में सहायक हो, तभी यह दीपोत्सव सही मायने में महा उत्सव का रूप लेगा। रामराज्य तभी सार्थक है जब समाज के वंचित वर्ग भी प्रसन्नता प्राप्त कर सके। हमारी मान्यता है कि कण-कण में राम है तो फिर दीपावली “शुभ” तभी होगी जब सभी जन प्रश्न हो। शुभ दीपावली के लिए हम सबका सामूहिक प्रयास हो कि हम प्रसन्नता का प्रसार करें और प्रभु का माध्यम बने। प्रकाश पर्व की अनंत शुभकामनाएं।
संजय सिंह चौहान
उप निरीक्षक
इंदौर, मध्य प्रदेश