वृक्ष हमारी धरोहर हैं
बेसकिमती संपदा हैं
कड़ी धूप में भी शीतलता
प्रदान करता वो हमारे वृक्ष
हीं हैं ।
बड़े बुजुर्गों ने भी अपना इतिहास
वृक्ष की छाँव में ही गढ़ा है ।
वृक्ष ही तो धरती की शान है
चारों तरफ है जो हरियाली
फैली वो इसी की बदौलत है
जीव जंतु पशु पक्षी का यही तो
बसेरा है ।
आओ वृक्षों को पानी दे
जीवन की यही निशानी दे।
धरती भी यही पुकारे ना करों बंजर
हमें वृक्ष लगाओ जग महकाओ ।
जीवन को तुम अपने सुखी बनाओं
स्वच्छ वातावरण में तुम अपनी आयु
बढ़ाओ ।
आओ मिलकर वृक्ष लगाए
जनकल्याणकारी कार्य करें ।।
मिलकर ऐसा कोई कार्य करें
आओं मिलकर अपनी धरोहर सजाये ।।
निर्मला सिन्हा ग्राम जामरी डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ से