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काली पीली नीली गुलाबी तितली रानी आओ न।
नहीं पराग बचा फूलों में अब तो पास आओ न।।
जब भी तुम आती हो मन भी खुश कर देती हो।
कली कब फूल बन जाये राज कभी न कहती हो।।
कितनी मेहनत कर तुम रस पी कर पेट भरती हो।
पल पल में उड़ उड़ कर तुम कितना सुकून देती हो।।
बाग बगीचों की शान हो तुम सारी दुनिया कहती है।
अपने रंगों से तुम कितनी प्यारी लगती हो।।
-डॉ. राजेश पुरोहित